क्या आपने सोचा है कि बिना वजाइना के कैसे कोई बच्चा पैदा हो सकता है? ऐसा मुमकिन है. Mayer-Rokitansky-Küster-Hauser (MRKH) नाम का एक ऐसा सिंड्रोम है, जिसमें बिना वजाइना के भी महिला पैदा हो सकती है. इस दौरान नई तकनीक से योनि बनाई जाती है. जानें कैसे.
नई दिल्ली: क्या आपने सोचा है कि बिना वजाइना (Vagina) यानी योनि के भी महिला पैदा हो सकती है? मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, Mayer-Rokitansky-Küster-Hauser (MRKH) नाम का एक ऐसा सिंड्रोम है, जिसमें बिना वजाइना के भी महिला पैदा हो सकती है. इस दौरान नई तकनीक से योनि बनाई जाती है. माना जाता है कि MRKH 4, 500 महिलाओं में से किसी एक को प्रभावित करता है. माना जाता है कि इसका वर्णन 1829 में किया गया था. कहा गया है कि इस सिंड्रोम में महिला बिना योनि के पैदा होती है.
इस तरह बिना योनि के हो सकता है जन्म!
आमतौर पर अगर योनि में कोई भी समस्या हो, तो महिला को बच्चा पैदा करने में बहुत मुश्किल होती है, लेकिन जब महिला की योनि ही ना हो तो बच्चा कैसा पैदा हो सकता है? ऐसे में इस सिंड्रोम के बारे में जानकर आपको भी हैरानी हो रही होगी. इस सिंड्रोम के माध्यम से कुछ महिलाएं वास्तव में बिना योनि या गर्भाशय के पैदा होती हैं. इसी स्थिति को मेयर रोकितांस्की-कुस्टर-हॉसर सिंड्रोम या एमआरकेएच (MRKH) सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है. बता दें कि इस सिंड्रोम को एजनेसस के नाम भी भी जाना जाता है.
जानें -क्या होता है MRKH सिंड्रोम
बता दें कि एमआरकेएच सिंड्रोम दो प्रकार का होता है. पहला होता है टाइप 1 एमआरकेएच और दूसरा होता है टाइप 2 एमआरकेएच. पहले बारे सिंड्रोम में महिला के पास आमतौर पर ठीक से काम न करने वाली फैलोपियन ट्यूब के साथ योनि या गर्भाशय होता है. वही MRKH टाइप-2 सिंड्रोम में केवल योनि और गर्भाशयों की समस्याओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि गुर्दे, मूत्र पथ और मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम और अंगों को प्रभावित करती है.
क्या होते हैं MRKH सिंड्रोम
इस दौरान महिला की योनि में गहराई नहीं होती है. साथ ही यूरीनरी ट्रैक्ट से जुड़ी समस्याएं होती रहती हैं. इतना ही नहीं संबंध बनाने के दौरान भी काफी दर्द होता है.
नई दिल्ली: क्या आपने सोचा है कि बिना वजाइना (Vagina) यानी योनि के भी महिला पैदा हो सकती है? मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, Mayer-Rokitansky-Küster-Hauser (MRKH) नाम का एक ऐसा सिंड्रोम है, जिसमें बिना वजाइना के भी महिला पैदा हो सकती है. इस दौरान नई तकनीक से योनि बनाई जाती है. माना जाता है कि MRKH 4, 500 महिलाओं में से किसी एक को प्रभावित करता है. माना जाता है कि इसका वर्णन 1829 में किया गया था. कहा गया है कि इस सिंड्रोम में महिला बिना योनि के पैदा होती है.
इस तरह बिना योनि के हो सकता है जन्म!
आमतौर पर अगर योनि में कोई भी समस्या हो, तो महिला को बच्चा पैदा करने में बहुत मुश्किल होती है, लेकिन जब महिला की योनि ही ना हो तो बच्चा कैसा पैदा हो सकता है? ऐसे में इस सिंड्रोम के बारे में जानकर आपको भी हैरानी हो रही होगी. इस सिंड्रोम के माध्यम से कुछ महिलाएं वास्तव में बिना योनि या गर्भाशय के पैदा होती हैं. इसी स्थिति को मेयर रोकितांस्की-कुस्टर-हॉसर सिंड्रोम या एमआरकेएच (MRKH) सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है. बता दें कि इस सिंड्रोम को एजनेसस के नाम भी भी जाना जाता है.
जानें -क्या होता है MRKH सिंड्रोम
बता दें कि एमआरकेएच सिंड्रोम दो प्रकार का होता है. पहला होता है टाइप 1 एमआरकेएच और दूसरा होता है टाइप 2 एमआरकेएच. पहले बारे सिंड्रोम में महिला के पास आमतौर पर ठीक से काम न करने वाली फैलोपियन ट्यूब के साथ योनि या गर्भाशय होता है. वही MRKH टाइप-2 सिंड्रोम में केवल योनि और गर्भाशयों की समस्याओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि गुर्दे, मूत्र पथ और मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम और अंगों को प्रभावित करती है.
क्या होते हैं MRKH सिंड्रोम
इस दौरान महिला की योनि में गहराई नहीं होती है. साथ ही यूरीनरी ट्रैक्ट से जुड़ी समस्याएं होती रहती हैं. इतना ही नहीं संबंध बनाने के दौरान भी काफी दर्द होता है.
इस तकनीक से बनाई जाती है आर्टिफिशियल वजाइना
यह काफी हैरान वाली बात है बिना योनि के किसी भी महिला के कैसे बच्चा पैदा हो सकता है. हालांकि, अच्छी खबर ये है कि अविकसित योनि का वास्तव में इलाज किया जा सकता है. वैजिनोप्लास्टी सर्जरी की मदद से इसका इलाज किया जा सकता है. यह तकनीक योनि को पेरिटोनिसल फ्लैप से ढंकती है. इस तकनीक का इस्तेमाल करके सामान्य यौन क्रिया के लिए एक नई योनि बनाई जाती है. ताकि इस सिंड्रोम से पीड़ित महिलाओं को आईवीएफ या सेरोगेसी के जरिए अपना खुद का बच्चा पैदा हो सके.
यह काफी हैरान वाली बात है बिना योनि के किसी भी महिला के कैसे बच्चा पैदा हो सकता है. हालांकि, अच्छी खबर ये है कि अविकसित योनि का वास्तव में इलाज किया जा सकता है. वैजिनोप्लास्टी सर्जरी की मदद से इसका इलाज किया जा सकता है. यह तकनीक योनि को पेरिटोनिसल फ्लैप से ढंकती है. इस तकनीक का इस्तेमाल करके सामान्य यौन क्रिया के लिए एक नई योनि बनाई जाती है. ताकि इस सिंड्रोम से पीड़ित महिलाओं को आईवीएफ या सेरोगेसी के जरिए अपना खुद का बच्चा पैदा हो सके.
ऐसे महिला हो पाती हैं गर्भवती
बता दें कि एक यूटेरिन ट्रांसप्लांट में एमआरकेएच सिंड्रोम वाली महिला को गर्भवती करने की क्षमता होती है. हालांकि, एक यूटेरिन ट्रांसप्लांट कुछ समय के लिए व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है, इसलिए एमआरकेएच सिंड्रोम वाली महिलाओं को इस समय एक विकल्प के तौर पर इन पर भरोसा नहीं करना बेहतर होगा.
बता दें कि एक यूटेरिन ट्रांसप्लांट में एमआरकेएच सिंड्रोम वाली महिला को गर्भवती करने की क्षमता होती है. हालांकि, एक यूटेरिन ट्रांसप्लांट कुछ समय के लिए व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है, इसलिए एमआरकेएच सिंड्रोम वाली महिलाओं को इस समय एक विकल्प के तौर पर इन पर भरोसा नहीं करना बेहतर होगा.