महाराष्ट्र के काटगांव के टांडा गांव के रहने वाले एक बुजुर्ग दंपति ने 9 दिन अस्पताल में आईसीयू में रहने के बाद भी कोरोना वायरस को मात दे दी है। 105 वर्षीय धेनु चव्हाण और 95 वर्षीय मोटाबाई कोरोना वायरस से ठीक हो गए हैं। कोरोना वायरस से जूझ रहे ये दोनों बुजुर्ग लातूर के विलासराव देशमुख इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के आईसीयू में 9 दिन भर्ती थे। इनका इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि इन दोनों 100 के पार बुजुर्ग ने कोरोना वायरस को हरा दिया है। इस बुजुर्ग दंपति के बेटे सुरेश चव्हाण ने कहा है कि जब वो अपने कोविड पॉजिटिव माता-पिता के लिए अस्पताल की तलाश कर रहे थे तो गांव में उनके पड़ोसियों ने आगाह किया था कि इतने उम्र में जो कोई भी कोविड अस्पताल जाता है वह घर वापस नहीं आता है। बेटे ने कहा है कि माता-पिता ने कोरोना से ठीक होकर सबको गलत साबित कर दिया है।
बुजुर्ग के परिवार में 5 लोग थे कोरोना संक्रमित
24 मार्च 2021 सुरेश चव्हाण के परिवार के कुल 5 लोग कोरोना से संक्रमित थे। सुरेश चव्हाण टाइम्स ऑफ इंडिया को कहा, ''हम एक ज्वाइंट परिवार में रहते हैं। मेरे माता-पिता के अलावा, तीनों बच्चों भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। मेरे माता-पिता की बहुत तेज बुखार हो गया था, पिता के पेट में भी दर्द हो रहा था और इसलिए मैंने उन दोनों को अस्पताल में भर्ती करने का फैसला किया।''
बुजुर्ग दंपति का इलाज करने वाले डॉक्टर ने क्या कहा?
बुजुर्ग दंपति के सुरेश चव्हाण ने कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में उन्हें अपने माता-पिता के लिए बेड्स मिले थे। जो उनके गांव से तीन घंटे की दूरी पर है। सुरेश चव्हाण ने कहा, "मेरे माता-पिता बहुत डरे हुए थे और इसलिए मैं भी डरा हुआ था, लेकिन मुझे पता था कि उन्हें घर पर रखना एक गलत फैसला होगा।''
बुजुर्ग दंपति का इलाज करने वाले डॉक्टर डॉ. गजानन हल्कंचे ने कहा, ''उनका सीटी स्कोर 15/25 था, जो उनकी उम्र को देखते हुए एक चिंता का विषय था। वे दोनों ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। उन्हें एंटीवायरल रेमेडिसविर इंजेक्शन की पांच खुराक दी गई थी।''
अनिल देशमुख ने कहा- इनका ठीक होना एक उम्मीद की किरण
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख ने 105 वर्षीय धेनु चव्हाण और 95 वर्षीय मोटाबाई के कोरोना वायरस से ठीक होने के बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है। अनिल देशमुख ने ट्वीट किया है, ''हर काले बादल के बाद रौशनी आती है। लातूर के कटगांव टांडा के धेनु चव्हाण (105 साल) और उनकी पत्नी मोटाबाई चव्हाण (95 साल) जैसे बुजुर्ग नागरिकों का खूंखार बीमारी से लड़ने और कोविड-19 से ठीक होने की बात सुन, एक उम्मीद की एक किरण आती है और प्रेरित करती है।''