ग्रहण से पहले लगने वाले सूतक काल का विशेष महत्व होता है। धार्मिक व ज्योतिष दृष्टि से ग्रहण को अशुभ माना जाता है। इस दौरान मांगलिक या शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इस साल कुल दो सूर्य ग्रहण लगेंगे। पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगेगा। साल के पहले सूर्य ग्रहण को पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं माना जा रहा है। जबकि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 04 दिसंबर 2021 को लगेगा। सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। ऐसे में घर में भी मंदिर को कपड़े से कवर कर देना चाहिए। इस दौरान कोई पूजा पाठ नहीं किया जाता है। ग्रहण के बाद आसन, गोमुखी व मंदिर में बिछा हुआ कपड़ा सभी को धोना चाहिए। सूतक काल समाप्त होने के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करना शुभ माना जाता है।
कहां-कहां दिखेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण-
सूर्य ग्रहण भारत, कनाडा, यूरोप, रुस, ग्रीनलैंड, एशिया और उत्तरी अमेरिका में देखा जा सकता है। भारत में 2021 के पहले सूर्य ग्रहण को आंशिक रूप से देखा जा सकेगा। जबकि 2021 का दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई पड़ेगा। यह अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका जैसे देशों में देखा जा सकेगा।
सूतक काल का समय-
ग्रहण के दौरान सूतक काल का विशेष महत्व होता है। चंद्र ग्रहण के आरंभ होने से 9 घंटे पहले से सूतक काल लग जाता है। जबकि सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले ही सूतक काल आरंभ हो जाता है।
ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान-
ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए। कहते हैं ग्रहण के दौरान सोने से मनुष्य रोगी होता है। लेकिन गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों और रोगी को यह नियम मानने के जरूरत नहीं है। सूतक काल लगते ही तुलसी या कुश मिश्रित जल को खाने-पीने की चीजों में रखना चाहिए। ध्यान रहे कि तुलसी दल या कुश को ग्रहण के बाद निकाल देना चाहिए। कहते हैं ग्रहण का असर तुलस दल ले लेता है और आपकी चीजों को दूषित नहीं होने देता । इसलिए ग्रहण समाप्त होने के बाद इसे निकाल लेना चाहिए।