MP के बजट में बड़ा ऐलान: लोक सेवा गारंटी कानून में बदलाव होगा; तय वक्त पर लोगों का काम नहीं हुआ तो सर्टिफिकेट अपने आप जारी हो जाएगा



शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल का पहला बजट वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने मंगलवार को विधानसभा में पेश किया। 1 घंटे 26 मिनट के बजट भाषण में फोकस आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश पर रहा। बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि कोरोना से गड़बड़ाई मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति को ठीक करने की कोशिश की गई है। इस बार का बजट 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपए का अनुमानित है।



प्रदेश सरकार ने आम लोगों से जुड़े कामों को सरल बनाने के लिए लोक सेवा गारंटी कानून में बड़ा बदलाव किया है। अब इसे डीम्ड अप्रूवल को शामिल किया है। यानी आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, नल-बिजली कनेक्शन, इलाज राशि की मंजूरी सहित 258 तरह की सरकार द्वारा आम लोगों को दी जाने वाली सेवाओं के आवेदन को अफसर लटका नहीं सकेंगे। समयावधि में या तो आवेदन मंजूर कर सेवा प्रदान करनी होगी या कारण बताकर समयावधि में ही उसे निरस्त करना होगा। यदि ऐसा अफसर नहीं करते तो पोर्टल आवेदन को स्वीकृत मान लेगा और खुद ही सेवा का ऑनलाइन सर्टिफिकेट आवेदक को जारी कर देगा।


वित्तमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नौ नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। अगले दो साल में एमबीबीएस की 1 हजार 235 सीटें बढ़ाने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को फिर से संचालित किया जाएगा। स्कूलों में एक साल में 24 हजार 200 नए शिक्षकों की भर्ती की जाएंगी। इस दौरान अनाज खरीदी के लिए नई योजना शुरू करने की घोषणा की।

जगदीश देवड़ा ने जल क्रांति का ऐलान करते हुए कविता पढ़ी। उन्होंने कहा- 'मंजिलें भी जिद्दी हैं, रास्ते भी जिद्दी हैं, हम सफल होंगे, क्योंकि हमारे हौसले भी जिद्दी हैं।' फिर कहा कि गांव और शहरों को घर-घर नल के जरिए पानी पहुंचाने के लिए बजट को साढ़े तीन गुना बढ़ा दिया गया है। अब इस पर 5962 करोड़ रुपए खर्च करेंगे। पहले यह बजट 1364 करोड़ रुपए था। जल जीवन मिशन के तहत यह काम पूरा किया जाएगा। गांवों में सोलर पंप के जरिए पानी की सप्लाई कराएंगे ताकि बिजली बिलों का भार कम हो सके। स्व सहायता समूहों को 4 फीसदी पर ब्याज पर ऋण दिया जाएगा। साथ ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन जारी रहेगी।

बार-बार नहीं देना पड़ेंगे दस्तावेज, एक जगह मिलेगा योजनाओं का ब्योरा

एकत्व योजना के तहत हर नागरिक का एकल डेटा बनेगा ताकि अलग-अलग सरकारी योजना या सेवाओं के लिए बार-बार दस्तावेज नहीं प्रस्तुत करना पड़ें। साथ ही हर विभाग से जुड़ी योजनाओं की जानकारी और उसे प्राप्त करने का तरीका बताने के लिए ‘परिचय’ नाम से पोर्टल लांच करेगी।


राज्य सरकार भोपाल गैस पीड़ितों की पेंशन जारी रखेगी

भोपाल में गैस पीड़ितों के लिए बड़ी राहत दी गई। केंद्र सरकार से बंद पेंशन योजना को राज्य सरकार जारी रखेगी। कांग्रेस सरकार में बंद हुई मुख्यमंत्री तीर्थ योजना को फिर से शुरू किया गया है। भोपाल और इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट में 262 करोड़ दिया गया है। भोपाल में पुलिस अस्पताल बनेगा और हर जिले में महिला थाना खोला जाएगा।

स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निरायम नाम से योजना लागू होगी

वित्तमंत्री ने बताया कि देश में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए मिशन निरामय योजना लागू की जाएगी। प्रदेश में 9 मेडिकल कॉलेज श्योपुर, राजगढ़, मंडला, सिंगरौली, नीमच, मंदसौर,दमोह, छतरपुर, सिवनी में खोले जाएंगे। महेश्वर में मेडिकल कॉलेज नहीं खोले जाने पर विजयालक्ष्मी साधौ ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सबका नाम लिया, सिर्फ महेश्वर को ड्राप कर दिया। वित्तमंत्री ने कहा कि दो इंजीनियरिंग और 5 पाेलिटेक्निक को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा।


पूर्व से पश्चिम को जोड़ने के लिए नर्मदा एक्सप्रेस-वे

वित्तमंत्री ने कहा कि चंबल के लिए अटल प्रोग्रेस-वे है ही, अब पूर्व से पश्चिम को जोड़ने के लिए नर्मदा एक्सप्रेस-वे का खाका तैयार किया गया है। नर्मदा एक्सप्रेस-वे के किनारे उद्योग विकसित करने की भी योजना है। बजट में भोपाल के गैस पीड़ितों के लिए बड़ा ऐलान किया गया है। केंद्रीय पेंशन योजना बंद होने के बाद अब पीड़ितों को राज्य सरकार के स्वयं के स्तर से पेंशन उपलब्ध कराएगी।

बजट में खास

किसानों के लिए बजट में विशेष प्रावधान किया गया है। जगदीश देवड़ा ने कहा कि किसानों को बगैर ब्याज के ऋण देने के लिए 1 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
अनाज खरीदी के लिए नई योजना प्रदेश सरकार लाएगी। इसके लिए मार्कफेड और नागरिक आपूर्ति निगम को मदद की जाएगी। इसके लिए दो हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
छतरपुर जिले के जटाशंकर में रोप-वे बनेगा।
प्रदेश में 2441 किलोमीटर की नई सड़कें बनाई जाएंगी।
65 नए पुल बनेंगे, 105 रेलवे ओवरब्रिज बनाए जाएंगे
220 नए सर्व सुविधायुक्त स्कूल बनाएंगे जाएंगे।
स्ट्रीट वेंडर योजना में 10 हजार रुपए के लोन में ब्याज नहीं लगेगा
पहली बार गांवों से बच्चों को स्कूल लाने के लिए ट्रांसपोर्ट सर्विस
9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट के लिए पांच आदिवासी बहुल जिलों में ट्रांसपोर्ट सर्विस का नया प्रयोग किया जाएगा। बैतूल के आठनेर, उमरिया के पाली, बालाघाट के बिरसा, झाबुआ और धार जिले के धरमपुरी में अगले सत्र से अंचल के स्टूडेंट को बस या अन्य यातायात सुविधा के जरिए घर से स्कूल तक लाया और ले जाया जाएगा।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने