मुख्यमंत्री के आदेशों को ठेंगा दिखाती... जबलपुर में आयोजित ओजस्वनी मेले की कुछ तस्वीरे

मध्यप्रदेश के मुखिया ने दिया था आदेश, किसी भी कार्यक्रमों को नही दी जाएगी अनुमति,





कोरोना अपने चरम पर है, बाबजूद इसके 

संचालित हो रहा मेला, जबलपुर जिला प्रशासन उड़ा रहा मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां

जबलपुर में कोरोना की रफ्तार एक बार फिर तेज़ इसके बावजूद हजारों की संख्या में उमड़ रहे मेले में लोग

मेले में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

जबलपुर जिले में गोल बाजार में ओजस्विनी मेले का आयोजन किया जा रहा है सबसे प्रमुख बात तो यह है रोजाना तीन से चार हजार लोग इस मेले में शिरकत करने पहुंच रहे हैं कोरोना की गाइड लाइन जारी होने के बावजूद भी मेले के आयोजकों ने ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया और ना ही मास्क लगाए जाने पर ध्यान दिया जा रहा है । 

महाराष्ट्र के बाद मध्यप्रदेश में भी अब अलर्ट हो चुके हैं यही कारण है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी एहतियातन तौर पर पूरे प्रदेश में नए प्रोटोकोल लागू करते हुए उनका सख्ती से पालन करने का आदेश दिया । यह आदेश 17  मार्च 2021 से तत्काल प्रभाव से लागू किया जाना था जिसमें किसी भी प्रकार के मेले प्रदर्शन को तत्काल प्रभाव से बंद कर रात में 10:00 बजे बाजार को बंद करने के सख्त आदेश दिए गए । 

सबसे प्रमुख बात तो यह है कि मेले के मुख्य द्वार पर बैठे सिक्योरिटी गार्ड ही मास्क नहीं लगाए हुए थे उसके बाद मेले के आयोजक भी बिना मास्क के ही दिखाई दिए ।

मेले के अंदर का नज़ारा भी कुछ कम नही था अधिकतर जनता भी बिना मास्क के साफ दिखीई दे रही है और इसके साथ साथ मेले में स्टाल लगाने वाले भी खुलेआम सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए बिना मास्क के दिखाई दिए । इसके बाद जब ओजस्विनी मेले के मैनेजर आलोक सक्सेना से इस विषय में बातचीत करने की कोशिश की गई तो मेले के आयोजकों ने मामले की लीपापोती के भरसक प्रयास किए लेकिन उनका झूठ टिक ना पाया क्योंकि वह पहले ही बिना मास्क के हमारे कैमरे में कैद हो चुके थे अब सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है एक स्थान जहां 5000 की जनता पहुंच रही है क्या जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन नहीं करवाना चाहिए... क्या ऐसे मेलों को इस विषम परिस्थिति में तत्काल प्रभाव से बंद नहीं कराया जाना था..?? बहरहाल टीम ने इसके बाद जिला कलेक्टर और संबंधित अधिकारियों से भी संपर्क साधने का प्रयास किया । लेकिन मौके पर कोई भी व्यक्ति संपर्क में नहीं आ पाया। बाद में हमने अपर कलेक्टर अनूप सिंह से इस लापरवाही पर बात की बातचीत के दौरान अपर कलेक्टर ने हमसे कहा कि आपके द्वारा यह पूरा मामला संज्ञान में लाया है लिहाजा इस आयोजन को तत्काल बंद किया जाएगा और इसके साथ ही इन पर वैधानिक कार्यवाही भी की जाएगी लेकिन सवाल जस का तस है...

कहीं ना कहीं यह जिला प्रशासन की लापरवाही का ही नतीजा है कि मुख्यमंत्री के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए जिला प्रशासन ने जानबूझकर जबलपुर की जनता को कोरोना के गढ़ में धकेला है ।


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