मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है। संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को रोकने के उपायों के लिए एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए। बैठक में राज्य के कोरोना प्रभावित 11 जिलों में रात 10 से सुबह छह बजे तक दुकानें व व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद कराए जाने का फैसला लिया गया।
इनमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर उज्जैन, सागर, बैतूल, बुरहानपुर, खरगोन, रतलाम और छिंदवाड़ा जिले शामिल हैं। इसके अलावा केवल भोपाल और इंदौर में नाइट कर्फ्यू रहेगा। वहीं, बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि टीकाकरण अभियान में प्रदेश को पांच लाख डोज प्रतिदिन की स्थिति में लाने के लिए तत्काल आवश्यक व्यवस्था की जाए।
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘हम डेंजर जाेन में आने वाले हैं, इसलिए सख्ती जरूरी है। पुलिस विभाग को निर्देश दे दिए गए हैं कि जो व्यक्ति मास्क में न दिखे उसे धारा 151 के तहत सीधे जेल भेजें। एक व्यक्ति के कारण अन्य की जान जोखिम में नहीं आनी चाहिए।’
पहली से आठवीं तक के स्कूल खोने जाने के फैसले पर संशय
इन सबके बीच शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि यदि कोरोना का ग्राफ ऐसे ही बढ़ता रहा तो पहली से आठवीं तक के स्कूल एक अप्रैल से खोलने का विचार टाल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द इस पर फैसला लिया जाएगा। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि टेस्टिंग और वैक्सीनेशन बढ़ाना है। बेड की संख्या भी आवश्यकतानुसार बढ़ाई जाएगी।
बता दें, मध्यप्रदेश में 25 दिसंबर (73 दिन) के बाद एक बार फिर से 309 कोविड-19 के मामले दर्ज किए गए हैं। ऐसे में कलेक्टर के आदेश के बाद अगर अब राज्य में कोई भी बिना मास्क लगाए घूमते हुए दिख गया तो उसे धारा 151 के तहत सीधे जेल भेज दिया जाएगा।