ब्रिटेन में इन मासूम जानवरों को मारने के लिए लोगों को लाइसेंस दे रही है सरकार, जानिए क्यों?

 


प्रकृति ने लाखों जीवों को एक समान जीवन दिया है. जितना कीमती इंसान के लिए अपना जीवन है उतना ही और जानवरों के लिए भी उनका जीवन कीमती है लेकिन इसके बावजूद हम बहाने खोज कर जानवरों को मारते हैं. किसी से हमें खाना चाहिए, तो किसी को हम इसलिए मारते हैं क्योंकि वे खतरनाक हैं. इंसान ने हर जीव को मारने की कोई ना कोई वजह खोज ली है लेकिन उन जानवरों को मारने का अधिकार देना कैसा न्याय है जो निर्दोष हैं. अमेरिका में ऐसे ही एक जानवर को मारने के लिए लाइसेंस दिया जा रहा है.  

किस जानवर को मारने के लिए मिल रहा है लाइसेंस

कई देश हैं जहां बीमारी फैलाने के नाम पर जानवरों को मारने की छूट दी जाती है. इसके बाद इन जानवरों को मारना गैरकानूनी नहीं होता लेकिन ब्रिटेन में ऐसे जानवरों को मारने का लाइसेंस दिया जाने वाला है जिन्हें बचाबताया जा रहा है कि बैजर्स को लेकर जारी होने वाले लाइसेंस टू किल को 2022 से जारी किया जाएगा. वाइल्डलाइफ ट्रस्ट में प्रकाशित एक रिपोर्ट की मानें तो यह लाइसेंस 4 साल के लिए मान्य होता है. यानी अगर 2022 में किसी को लाइसेंस टू किल मिला तो वह 2026 तक बिना रोक टोक बैजर्स को मार सकता है. इस तरह से करीब 13000 बैजर्स की जान खतरे में है.   ने के लिए वहां की जनता तथा कई संस्थाएं प्रदर्शन कर रही हैं. जिन जानवरों को मारने के लिए लाइसेंस दिए जाने वाले हैं वे हैं बैजर्स, इन्हें बिज्जू भी कहा जाता है. ये जानवर शाकाहारी तथा मांसाहारी दोनों तरह के होते हैं. बैजर्स का शरीर छोटा और चौड़ा होता है. इनके बड़े बड़े कान होते हैं तथा इनके पैर छोटे होते हैं. ये अपने पैरों की मदद से किसी चीज़ को कुरेदते और खोदते हैं. इनकी कई प्रजातियां हैं. सोचने वाली बात है कि यदि ये जानवर खतरनाक होते तो जनता इन्हें बचाने के लिए प्रदर्शन क्यों कर रही होती. 

कब से जारी होंगे लाइसेंस

इन्हें मारने का लाइसेंस देने के पीछे सरकार ने यह वजह बताई है कि इस जीव से बोवाइन ट्यूबरक्लोसिस नामक बीमारी फैलने का खतरा है. यह बात सच है लेकिन इतनी सच नहीं कि इसके बाद इन मासूम जीवों को मारने की ज़रूरत पड़े. दरअसल यदि यहां की सरकार कैटल वैक्सीनेशन शुरू कर देती है तब इन जानवरों को मारने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी. यही वजह है कि यहां के लोग इन जानवरों को बचाने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं तथा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इनका मानना है कि सरकार अगर लाइसेंस टू किल जारी करने के फैसले को रद्द कर देती है तो तकरीबन 10000 बैजर्स की जान बच सकती है. 

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