विवाह जैसे मांगलिक कार्यों में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष गणना के अनुसार, शादी-विवाह के लिए कुछ शुभ तिथियों तय की गई हैं। हिंदू पंचांग में विवाह के लिए कुछ तिथियों को बेहद उत्तम माना जाता है। वहीं कुछ तिथियों पर मांगलिक कार्यों पर रोक होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास, मलमास, गुरु व शुक्र तारा का अस्त होना और देवशयनी पर मांगलिक कार्य वर्जित होत हैं।
इस वक्त गुरु ग्रह उदय हो चुके हैं लेकिन शुक्र अस्त हैं। इसके साथ ही 14 मार्च से खरमास भी शुरू हो रहे हैं। ऐसे में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त अप्रैल महीने से शुरू होंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि यानी 22 अप्रैल से मांगलिक कार्य शुरू होंगे।
शुक्र तारा अस्त की अवधि-
शुक्र तारा का उदय होना मांगलिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण होता है। शुक्र तारा माघ शुक्ल पक्ष की तृतीया यानी 14 फरवरी 2021 को अस्त हुए थे, जो कि चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी यानी 18 अप्रैल 2021 को उदय होंगे।
खरमास की अवधि - 14 मार्च से 13 अप्रैल तक।
होलाष्टक कब से लग रहे हैं- होलिका दहन से कुछ दिन पहले होलाष्टक लगते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इस साल होलाष्टक 22 मार्च से 28 मार्च तक रहेंगे।
साल 2021 के विवाह मुहूर्त-
अप्रैल - 22, 24, 25, 26, 27, 28, 29, और 30
मई - 1, 2, 7, 8, 9, 13, 14, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 28, 29 और 30
जून - 3, 4, 5, 16, 20, 22, 23, और 24
जुलाई - 1, 2, 7, 13 और 15
नवंबर - 15, 16, 20, 21, 28, 29 और 30
दिसंबर - 1, 2, 6, 7, 11 और 13