'छोटा कैलाश’ को जल्द ही किया जाएगा विकसित, श्रद्धालु को मिलेगी एंट्री

 


देहरादून: कैलाश-मानसरोवर के सफर का आयोजन इस साल भी संभव न होने की संभावनाओं के मद्देनजर कुमांउ मंडल विकास निगम ने चीन के साथ लगती बॉर्डर पर भारतीय इलाके में स्थित शिव के धाम मतलब ‘छोटा कैलाश’ को एक प्रमुख तीर्थ स्थल के तौर पर विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसे लेकर खबर देते हुए निगम के अध्यक्ष केदार जोशी ने कहा कि ‘आदि कैलाश के तौर पर प्रसिद्ध छोटा कैलाश भगवान शिव का वास्तविक घर माना जाता है तथा देश भर के शिवभक्तों के लिए ये सर्वश्रेष्ठ तीर्थ स्थल हो माना जाता है।’

उन्होंने बताया कि, सीमा सड़क संगठन के माध्यम से बीते वर्ष जून में व्यास घाटी को मोटर मार्ग से जोड़ दिए जाने के पश्चात् छोटा कैलाश तक संपर्क मतलब कनेक्टिविटी भी बेहतर हुई है, इससे तीर्थयात्रियों को वहां तक जाने में बहुत सुविधा होगी। भारत-चीन बॉर्डर पर स्थित लिपुलेख दर्रे के माध्यम से प्रत्येक साल होने वाली कैलाश-मानसरोवर यात्रा के लिए निगम नोडल एजेंसी है। बीते वर्ष कोरोना महामारी के कारण ये यात्रा संभव नहीं हो पाई तथा इस बार भी अब तक इसके लिए तैयारी बैठकों के न होने के कारण इसके आयोजन की संभावनाएं न के बराबर लग रही हैं। 

वही यात्रा के सिलसिले में प्रत्येक वर्ष फरवरी के पहले सप्ताह में विदेश मंत्रालय तैयारियों को लेकर बैठकें करता है। निगम अध्यक्ष केदार जोशी ने कहा कि, वो अप्रैल में स्वयं छोटा कैलाश जाने की रणनीति बना रहे हैं, जिससे वहां आधारभूत संरचनाओं की अवस्था का मुआयना किया जा सके। जोशी की मानना है कि यदि सुविधाएं बढ़ाई जाएं तो अधिक तीर्थयात्री छोटा कैलाश की यात्रा पर जरूर आएंगे।

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