नई दिल्ली, किसानों से जुड़े बिल को लेकर विपक्ष आगबबूला है. विरोध की आग अभी थमने का नाम नहीं ले रही. इस बीच राज्यसभा से निलंबित 8 सांसदों का मामला तूल पकड़ चुका है. कल से निलंबित सांसद संसद परिसर में धरने पर बैठे हैं. पूरी रात उनका प्रदर्शन जारी रहा. सभी संसद परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के पास डटे हुए हैं.
निलंबित सांसद रातभर संसद परिसर में जमे रहे. गांधी मूर्ति के पास इनका धरना चलता रहा. किसानों से जुड़े बिल को लेकर नाराजगी ऐसी कि पूरी रात राज्यसभा से निलंबित सभी 8 सांसद जिद पर अड़े रहे. रविवार को राज्यसभा में जो हुआ, उसकी सजा के रूप में सभापति वेंकैया नायडू ने पूरे सत्र के लिए इन 8 सांसदों को निलंबित कर दिया.
डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजीव साटव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन और ए करीम को पूरे संत्र के लिए सस्पेंड किया गया है. निलंबन का फैसला सुनते ही अलग-अलग पार्टियों के ये निलंबित सांसद संसद परिसर में धरने पर बैठ गए. संसद परिसर में धरने पर बैठे सांसदों की पहली मांग है कि किसान विरोधी बिल वापस लिया जाए. दूसरी मांग है कि उनका निलंबन वापस हो.
इन निलंबित सांसदों का साथ देने खुद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और गुलाम नबी आजाद भी पहुंचे और सरकार की मंशा पर सवाल उठाए. बिल का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब से देखने को मिल रहा है. वहां के 4 कांग्रेसी सांसदों ने बीती रात राष्ट्रपति भवन का मार्च शुरू किया. कैंडल लेकर कांग्रेस सांसद निकले. इनकी मांग थी की कि राष्ट्रपति इस बिल पर दस्तखत ना करें, लेकिन पुलिस ने राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ने से रोक दिया. धक्का-मुक्की भी हुई.
8 सांसदों के निलंबन को लेकर कई विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर निशाना साधा है. इस मुद्दे को लेकर ममता बनर्जी ने सड़क पर लड़ाई की तैयारी कर ली है. उधर, शिवसेना ने भी निलंबित सांसदों के सुर में सुर मिलाया है. सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए संजय राउत ने कहा है कि जो सदन में हुआ उसके लिए सिर्फ विपक्ष ही जिम्मेदार नहीं.
विपक्ष के विरोध के बीच सोमवार को केंद्र सरकार ने गेंहू, जौ, सरसों जैसी 6 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया. इसके जरिए सरकार ने किसानों को संदेश दिया कि MSP की व्यवस्था खत्म नहीं होगी और ना ही नए बिल से उनका नुकसान होने वाला है, लेकिन विपक्ष के तेवर अभी तल्ख हैं.