मध्य प्रदेश उपचुनाव से पहले CM शिवराज का आदिवासियों को सौगात, कहा- वापस होंगे केसमुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आगामी विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए आदिवासियों के हितों से जुड़ी कई घोषणाएं की
वनवासी महोत्सव (Vanvasi Mahotsav) में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh) ने कहा कि आदिवासियों को छोटे-मोटे केस के चलते कई वर्षों तक अदालतों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. लिहाजा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है जिसके तहत जिन आदिवासियों पर मारपीट और कहासुनी जैसी सामान्य धाराओं के केस कई साल से चल रहे हैं उन्हें सरकार वापस लेगी
भोपाल. विधानसभा उपचुनावों (MP Assembly By Election) से पहले शिवराज सरकार (Shivraj Government) हर वर्ग को खुश करने की कोशिशों में जुटी है. इसी कड़ी में शनिवार को राजधानी भोपाल में वनवासी महोत्सव (Vanvasi Mahotsav) का आयोजन किया गया. भोपाल के ट्राइबल म्यूजियम (Tribal Museum) में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh) आदिवासी मंत्री मीणा सिंह और एमएसएमई मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा शामिल हुए. इसके अलावा प्रदेश भर से आदिवासी समाज के लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस महोत्सव से जुड़े. कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि सरकार आदिवासियों के हित के लिए पूरी तरह से समर्पित है.
उन्होंने कहा कि आदिवासियों को छोटे-मोटे केस के चलते कई वर्षों तक अदालतों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. लिहाजा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है जिसके तहत जिन आदिवासियों पर मारपीट और कहासुनी जैसी सामान्य धाराओं के केस कई साल से चल रहे हैं उन्हें सरकार वापस लेगी. हालांकि उन्होंने साफ किया कि गंभीर अपराध वाले केसों में कोई रियायत नहीं दी जाएगी. सीएम शिवराज के ऐलान को चुनाव से पहले आदिवासियों को लुभाने के लिए किए गए ऐलान के तौर पर देखा जा रहा है.
22 हजार वनवासियों को दिए पट्टे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम के दौरान 47 जिलों के 22 हजार से ज्यादा वनवासियों को जमीन के पट्टे आवंटित किए. इस दौरान उन्होंने धार, गुना और अनूपपुर के वनवासियों से सीधे संवाद भी किया. मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान ही यह ऐलान किया कि जिन वनवासियों को पट्टे दिए गए हैं उनके खेतों में पानी की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी. ताकि वनवासी अच्छी फसल उगा सकें और जमीन का भरपूर फायदा उठा सकें. सीएम शिवराज ने कार्यक्रम के दौरान ही सभी जिलों के कलेक्टर को पानी की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए.
सरकार वनवासियों के साथ
वनवासियों की उपेक्षा के लिए कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कांग्रेस की सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि 15 साल पहले प्रदेश में ट्राइबल डिपार्टमेंट का बजट केवल 600 करोड़ रुपए था जो आज 7,300 करोड़ रुपए है. उन्होंने कहा कि जो आदिवासी बच्चे कॉलेज जाते हैं सरकार अब उन्हें छात्रासवास (हॉस्टल) की सुविधा देगी. अगर आदिवासी बच्चों का विदेश की यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा तो उसकी फीस सरकार भरेगी. इतना ही नहीं आदिवासियों के बच्चों को पायलट की ट्रेनिंग देना भी शुरू किया जा रहा है. वर्ष 2006 से पहले तक जिनके कब्जे हैं उन्हें पट्टा देने का अभियान चलाया जाएगा. लेकिन अब वनों को बचाने के लिए काम करना होगा लिहाजा 2006 के बाद पट्टे नहीं दिए जाएंगे.