कोरोना संक्रमण के गंभीर मरीजों को स्वस्थ होने के तीन-चार माह के बाद दोबारा कोरोना संक्रमण का खतरा हो सकता है। ऐसा उनकी एंटीबॉडी के कमजोर पड़ने के कारण हो सकता है। पटना में अब तक तीन ऐसे केस आए हैं, जिसमें स्वस्थ होने के बाद मरीज दोबारा संक्रमित हुए हैं। इसमें एक मरीज पीएमसीएच में जबकि दो एम्स में पहुंचे हैं।
एम्स में कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉक्टर संजीव कुमार ने बताया कि कई लोगों में 28 में दिन से लेकर 4 महीने तक एंटीबॉडी मजबूत मौजूद रहती है। ऐसे लोगों में संक्रमण का खतरा कम होता है। कुछ लोगों में कमजोर एंटीबॉडी होने के कारण वह जल्दी खत्म हो जाता है। ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतनी होती है। नहीं तो उनमें संक्रमण का खतरा भी ज्यादा रहता है।
हालांकि, अब तक केवल दो ऐसे लोग आए हैं जो स्वस्थ होने के बाद दोबारा संक्रमित हुए हैं। उनके स्वास्थ्य को लेकर अध्ययन किया जा रहा है। उन कारणों का भी अध्ययन किया जा रहा है, जिसके कारण दोबारा संक्रमित हुए हैं। उन्होंने चेताया कि यह धारणा लोगों को बदल लेनी चाहिए कि वह एक बार संक्रमित हो गए तो उनको दोबारा संक्रमण का खतरा नहीं रहता है।
पीएमसीएच में चल रहा है अध्ययन
वहीं, पीएमसीएच में कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉक्टर पीएन झा ने बताया कि पीएमसीएच में भी एक मरीज ऐसा आया है जो दोबारा संक्रमित हुआ है। ऐसे मरीजों में एंटीबॉडी एक बार बन चुकी होती है। अतः उन्हें जल्द स्वस्थ होने में कोई परेशानी नहीं होती है। पीएमसीएच में आया हुआ मरीज 3 से 4 दिन में ही स्वस्थ हो गया था। ऐसे मरीजों पर अध्ययन चल रहा है। बताया कि बिहार के बाहर अन्य राज्यों में ऐसे कई केस मिले हैं पटना में अब तक 3 केस सामने आए हैं।
एंटीबॉडी सभी में अलग-अलग
वहीं एनएमसीएच में इस तरह का कोई केस सामने नहीं आया है। एनएमसीएच में कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार ने बताया कि लगभग 18 सौ लोगों को स्वस्थ कर भेजा गया है। हालांकि, कोई भी मरीज दोबारा संक्रमण का शिकार होकर इलाज कराने अब तक नहीं पहुंचा है। लेकिन इस तरह के केस बाहरी राज्यों में बड़ी संख्या में सुनने को मिल रहे हैं। इस पर रिसर्च भी चल रहा है। सभी लोगों में अलग-अलग प्रकार की एंटीबॉडी रहती है। किसी में दोगुना तो किसी में 10 गुना। अभी इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका है कि कितना एंटीबॉडी होगा तो लोग सुरक्षित रहेंगे।
दोबारा संक्रमित नहीं हो, इसलिए सावधानी बरतें
पटना आयुर्वेदिक कॉलेज के वरीय चिकित्सक डॉ. प्रभात कुमार द्विवेदी ने कहा कि कोरोना से स्वस्थ होने के बाद दोबारा संक्रमण के खतरा से बचा जा सकता है। पहले लोगों को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि उन्हें दोबारा कोरोना नहीं होगा। उसके बाद भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार जो भी जरूरी सावधानी है, उन्हें बरतनी चाहिए। योगा-प्राणायाम, व्यायाम करने के साथ-साथ आयुष मंत्रालय द्वारा जारी काढ़ा का भी सेवन करने से निश्चित रूप से बचाव होगा।
किन लोगों में कमजोर होती है एंटीबॉडी
डॉ पीएन झा ने बताया कि ऐसे मरीज जो पहले से डायबिटीज थायराइड कैंसर किडनी रोग या किसी अन्य बीमारी से ग्रसित होते हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से कमजोर होती है। ऐसे मरीजों में एंटीबॉडी भी कमजोर बनने की आशंका रहती है । ऐसे भी लोग स्वस्थ हुए हैं, जिनमें एंटीबॉडी बनी ही नहीं है फिर भी वे कोरोना निगेटिव हुए हैं। बताया कि जो एक बार स्वस्थ हो चुके होते हैं, उनमें एंटीबॉडी दोबारा विकसित हो जाती है। उनको दोबारा स्वस्थ होने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है।