केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों समेत कई शीर्ष राजनीतिक हस्तियों का एक बड़ा समूह शनिवार को कारिपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा।
शुक्रवार की देर रात वंदे भारत मिशन के तहत दुबई से लौट रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की एक फ्लाइट 'टेबल टॉप' कोझिकोड हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में पायलट कैप्टन डी.वी. साठे और उनके सह-पायलट अखिलेश कुमार समेत 18 लोगों की मौत हो गई। विमान में 190 लोग सवार थे।
वहीं, केरल राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र केंद्रीय मंत्री पहले ही यहां पहुंच चुके हैं। विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन कोझिकोड के रहने वाले हैं। इसके अलावा दुर्घटना की जांच में हिस्सा लेने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की एक पूरी टीम भी यहां आ चुकी है।
दुर्घटना स्थल पर पहुंचे स्टेट मिनिस्टर ऑफ लोकल सेल्फ गवर्नमेंट ए.सी.मोइदीन ने मीडिया को बताया कि हादसे में 18 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। वहीं अस्पताल में भर्ती कुछ यात्रियों की हालत गंभीर है।
मलप्पुरम और कोझीकोड जिलों के विभिन्न अस्पतालों में कुल 123 घायल लोगों का इलाज चल रहा था।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने कहा है कि मृतकों का कोविड परीक्षण किया जाएगा और फिर उनका शव परीक्षण किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "कोरोना काल के चलते सबके हित में यही है कि इस अभियान में भाग लेने वाले लोगों का कोविड परीक्षण किया जाए। इस काम में सभी को सहयोग करना होगा क्योंकि यह इस समय की बड़ी जरूरत है।"
अब तक मिली जानकारी के अनुसार लैंडिंग गियर के कारण समस्या हुई थी, जिसके चलते अनुभवी पायलट ने जमीन पर उतरने के पहले प्रयास के बाद विमान को फिर से हवा में उठाया और 15 मिनट तक उसे उड़ाया। इसके बाद जब ईंधन का टैंक खाली हो गया तब उन्होंने विमान को उतारा।
यदि अनुभवी पायलट ने तत्काल यह निर्णय नहीं लिया तो यह हादसा और बड़ा होता।
बता दें कि भारी बारिश के बीच विमान दूसरे प्रयास में रनवे पर उतरा और फिसलकर 35 फीट नीचे घाटी में गिर गया। इस विमान के दो टुकड़े हो गए थे।
शाम 7.41 बजे हुई दुर्घटना के बाद कोझीकोड हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है और वहां उतरने वाली उड़ानों को डायवर्ट कर 80 किलोमीटर दूर कन्नूर हवाई अड्डे पर उतारा जा रहा है।
वहीं, केरल राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र केंद्रीय मंत्री पहले ही यहां पहुंच चुके हैं। विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन कोझिकोड के रहने वाले हैं। इसके अलावा दुर्घटना की जांच में हिस्सा लेने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की एक पूरी टीम भी यहां आ चुकी है।
दुर्घटना स्थल पर पहुंचे स्टेट मिनिस्टर ऑफ लोकल सेल्फ गवर्नमेंट ए.सी.मोइदीन ने मीडिया को बताया कि हादसे में 18 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। वहीं अस्पताल में भर्ती कुछ यात्रियों की हालत गंभीर है।
मलप्पुरम और कोझीकोड जिलों के विभिन्न अस्पतालों में कुल 123 घायल लोगों का इलाज चल रहा था।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने कहा है कि मृतकों का कोविड परीक्षण किया जाएगा और फिर उनका शव परीक्षण किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "कोरोना काल के चलते सबके हित में यही है कि इस अभियान में भाग लेने वाले लोगों का कोविड परीक्षण किया जाए। इस काम में सभी को सहयोग करना होगा क्योंकि यह इस समय की बड़ी जरूरत है।"
अब तक मिली जानकारी के अनुसार लैंडिंग गियर के कारण समस्या हुई थी, जिसके चलते अनुभवी पायलट ने जमीन पर उतरने के पहले प्रयास के बाद विमान को फिर से हवा में उठाया और 15 मिनट तक उसे उड़ाया। इसके बाद जब ईंधन का टैंक खाली हो गया तब उन्होंने विमान को उतारा।
यदि अनुभवी पायलट ने तत्काल यह निर्णय नहीं लिया तो यह हादसा और बड़ा होता।
बता दें कि भारी बारिश के बीच विमान दूसरे प्रयास में रनवे पर उतरा और फिसलकर 35 फीट नीचे घाटी में गिर गया। इस विमान के दो टुकड़े हो गए थे।
शाम 7.41 बजे हुई दुर्घटना के बाद कोझीकोड हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है और वहां उतरने वाली उड़ानों को डायवर्ट कर 80 किलोमीटर दूर कन्नूर हवाई अड्डे पर उतारा जा रहा है।