इम्यूनिटी बूस्टर से वैक्यूम क्लीनर तक... जानिए महामारी में क्या-क्या खरीद रहे हैं भारतीय

कई महीनों से जारी लॉकडाउन ने भारतीयों उपभोक्ताओं के व्यवहार को बदल दिया है। खर्च करने के उनके तरीकों से पता चलता है कि वे अपने स्वास्थ्य को लेकर कितने चिंतित हैं। वे बोरियत को दूर करने के लिए भी पैसे खर्च कर रहे हैं और घर के साथ शरीर को स्वच्छ रख रहे हैं। यह रूटी अभी टिकने वाला है और कुछ कंपनियों को इससे काफी फायदा होगा। आइए देखें दुनिया के सबसे बड़े ओपन कंज्यूमर मार्केट में लोग किन-किन चीजों की अधिक खरीदारी कर रहे हैं।
इम्यूनिटी बूस्टर
पूरी दुनिया में उपभोक्ताओं की रुचि ऐसे उत्पादों में बढ़ गई है जो उनकी इम्युनिटी को बढ़ाकर उनके शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। भारत में इसका अर्थ अक्सर आयुर्वेदिक उत्पादों से है, जो देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। डावर इंडिया लिमिटेड और हिमालया ड्रंग कंपनियों के पारंपरिक उत्पादों जैसे च्यवनप्राश, मुलैठी और गिलोय आदि की बिक्री बहुत बढ़ गई है। नीलसन होल्डिंग पीएलसी के मुताबिक, च्यवनप्राश की बिक्री जून में 283 फीसदी बढ़ गई तो ब्रैंडेड शहद की बिक्री में 39 फीसदी की तेजी आई। देश में आयुर्वेदिक उत्पादों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक डाबर ने कहा है कि अप्रैल जून में च्यवनप्राश की बिक्री 700 फीसदी बढ़ गई है। नीलसन साउथ एशिया के पश्चिमी बाजार के प्रमुख समीर शुक्ला के मुताबिक अगले कुछ महीनों तक मांग में तेजी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि लोग अभी इम्युनिटी बूस्टर और शरीर की स्वच्छता वाले उत्पाद खरीदते रहेंगे। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने भी अप्रैल से जून के बीच बिक्री में वृद्धि हुई है। 
आरामदायक खाना
मार्च से पैकेट बंद खानों की बिक्री भी बढ़ गई है। घरों में बंद लोगों ने ऐसे सामानों को स्टॉक कर लिया जो जल्दी खराब नहीं होते। ब्रेकफास्ट सिरीअल्ज़, इंस्टेंट नूडल्स, चावल और कूकिंग फैट्स कुछ ऐसे उत्पाद हैं जिनकी बिक्री में उछाल दर्ज किया गया है। हेटोंग सिक्यॉरिटीज को. के विश्लेषक गुरंग कक्कड़ और प्रेमकल कामदार के मुताबिक, नेस्ले इंडिया लिमिटेड, जिसका मैगी बेहद लोकप्रिय है, के राजस्व में मार्च में खत्म तिमाही में 10.7 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली। मैगी, किटकैट और मंच जैसे उत्पादों की काफी बिक्री हुई। 
भारतीय परिवारों के लिए एक और लोकप्रिय उत्पाद पारले जी बिस्किट ने अप्रैल-मई में रिकॉर्ड बिक्री की है। महामारी के दौरान सरकारों और एनजीओ की ओर से जरूरतमंदों के बीच इसका वितरण किया गया। इसके अलावा लोगों ने घरों में इसे स्टॉक कर लिया। ब्रिटेनिया के बिस्किट और दूसरे उत्पादों की बिक्री भी इसी तरह बढ़ गई है। 
डिजिटल सर्विस 
सोशल डिस्टेंशिंग की वजह से लोगों का आमने-सामने मेलमिलाप बेहद कम हो गया है। काम से लेकर मेलजोल तक लोग स्क्रीन का सहारा ले रहे हैं। बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। ऑनलाइन एजुकेशन स्टार्टअप बाइजू के यूजर्स अप्रैल-जून के बीच तीन गुना तेजी से बढ़े हैं। ऑनलाइन रिटेलर फ्लिपकार्ट ने कहा कि मार्च से उनके प्लैटफॉर्म पर लैपटॉप सर्च डबल हो गया है। सबसे ज्यादा लोग हाई परफॉर्मेंस लैपटॉप को सर्च कर रहे हैं। जी5 ने कहा है कि डेली एक्टिव यूजर्स में 33 फीसदी की तेजी आई है तो मई में ऐप डाउनलोड्स 45 पर्सेंट बढ़ गए हैं। लॉकडाउन में ढील के बावजूद यूजर्स में कोई खास गिरावट नहीं आई है।  
गोल्ड लोन
बहुतों के लिए यह समय काफी संकट लेकर आया है। अर्थव्यवस्था में दुलर्भ संकुचन की वजह से करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गई हैं। गरीब भारतीय सोने के गहनों को गिरवी रख रहे हैं। कुछ छोटे व्यापारी या तो सरकारी योजनाओं के अयोग्य हैं या कागजी कार्रवाई की वजह से भटकर जाते हैं और कीमती धातु के बदले उधार ले रहे हैं। कुछ कंपनियों के लिए यह बेहद लाभप्रद अवसर है। मुथूड फाइनेंस लिमिटेड के शेयर 57 पर्सेंट चढ़ गए हैं। मन्नापुरम फाइनेंस लिमिटेड के गोल्ड लोन पोर्टफोलियों में 4.5 पर्सेंट की तेजी आई है। 
अप्लायंसेस
लोग लोग खर्च कर सकते हैं वे अपने बचे हुए समय का इस्तेमाल घरेलू सामान खऱीदने में कर रहे हैं। मिक्सर, जूसर, माइक्रोवेव, टोस्टर जैसे वाइट गुड्स की बिक्री जुलाई में चार गुना हो गई है। फ्लिपकार्ट के मुताबिक, हाईजीन अप्लायंसेस जैसे वैक्यूम क्लीनर की बिक्री भी चार गुना बढ़ गई है। आईएफबी इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसी कंपनियों ने नए ऑर्डर लेने बंद कर दिए हैं, क्योंकि वे इतनी मांग की पूर्ति नहीं कर सकते हैं। सैलूनों के बंद होने की वजह से ट्रिमर्स की बिक्री में बहुत तेजी आई है। फिलिप्स ने कहा है कि इसके ट्रिमर्स की बिक्री में 60-70 पर्सेंट की तेजी आई है। 

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