बीजिंगः दुनिया भर के लोगों को अभी तक कोरोना (Corona virus) से राहत मिली नहीं थी कि चीन में फिर से एक नए वायरस ने जन्म ले लिया है. चीन में अब Tick यानी कीड़े से वायरस फैल रहा है. इस वायरस के चलते अब तक 7 लोगों की मौत हो गई जबकि 60 से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. वायरस कीड़े के काटने से फैल रहा है. चीनी अखबार के अनुसार, नए वायरस की पहचान थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम ब्यूवायरस (Severe fever with thrombocytopenia syndrome virus or SFTS) के रूप में की गई है. इसमें रोगी को तेज बुखार आता है. इससे पूर्वी चीन के जिआंगसु प्रांत में 37 से अधिक लोगों के वायरस की चपेट में होने की सूचना है, जबकि पूर्वी चीन के अनहुई प्रांत के 23 लोग भी संक्रमित पाए गए.
चीन के वायरस एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि वायरस के मानव-से-मानव संक्रमण को खारिज नहीं किया जा सकता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो SARS-CoV-2 के विपरीत, यह पहली बार नहीं है जब SFTS वायरस ने लोगों को संक्रमित किया है. ताजा मामले की स्थिति केवल बीमारी के फिर से उभरने से हुई है. थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम वायरस (Severe fever with thrombocytopenia syndrome virus) के साथ गंभीर बुखार इस वायरस से संबंधित है और टिक काटने के बाद यह उससे मनुष्यों में पहुंच रहा है. वायरस की पहचान सबसे पहले चीन में शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक दशक पहले की थी. 2009 में हुबेई और हेनान प्रांतों के ग्रामीण क्षेत्रों में पहले ऐसे कुछ मामले सामने आए थे. 2011 में चीनी शोधकर्ताओं की एक टीम की स्टडी के अनुसार इस वायरस का ड्यूरेशन 7 से 13 दिन का होता है.
ये हैं SFTS वायरस के लक्षण
वायरस से संक्रमित लोगों में कई तरह के लक्षण दिखते हैं. इनमें मरीज बुखार, थकान, ठंड लगना, सिरदर्द, लिम्फैडेनोपैथी, एनोरेक्सिया, मतली, दस्त, उल्टी, पेट में दर्द, मसूड़ों से रक्तस्राव जैसी समस्या से जूझते हैं. इसकी चपेट में मरीज में कम प्लेटलेट काउंट और ल्यूकोसाइटोपेनिया की समस्या भी आती है. टिक से संक्रमित मरीज के शरीर के कई अंग काम करना भी बंद कर देते हैं. इतना ही नहीं मरीज को रक्तस्राव (ब्लीडिंग) होता है और तंत्रिका तंत्र पर भी इसका बुरा असर पड़ता है. यह वायरस जापान, दक्षिण कोरिया सहित कई अन्य पूर्वी एशियाई देशों में भी मिल चुका है.
वायरस से संक्रमित लोगों में कई तरह के लक्षण दिखते हैं. इनमें मरीज बुखार, थकान, ठंड लगना, सिरदर्द, लिम्फैडेनोपैथी, एनोरेक्सिया, मतली, दस्त, उल्टी, पेट में दर्द, मसूड़ों से रक्तस्राव जैसी समस्या से जूझते हैं. इसकी चपेट में मरीज में कम प्लेटलेट काउंट और ल्यूकोसाइटोपेनिया की समस्या भी आती है. टिक से संक्रमित मरीज के शरीर के कई अंग काम करना भी बंद कर देते हैं. इतना ही नहीं मरीज को रक्तस्राव (ब्लीडिंग) होता है और तंत्रिका तंत्र पर भी इसका बुरा असर पड़ता है. यह वायरस जापान, दक्षिण कोरिया सहित कई अन्य पूर्वी एशियाई देशों में भी मिल चुका है.
हाल ही में चीन के ग्लोबल टाइम्स ने नानजिंग में एक महिला के मामले का अध्ययन किया, जिसका नाम वांग है. रिपोर्टों के अनुसार, वांग जोकि जिआंगसु की राजधानी में रहती है, वायरस से पीड़ित थी, उसमें बुखार और खांसी जैसे शुरुआती लक्षण देखे गए. महिला के खून में ल्यूकोसाइट और प्लेटलेट काउंट कम पाया गया. लगभग एक महीने के उपचार के बाद, वांग को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
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