लॉकडाउन के कारण यूरोप में घरेलू हिंसा का शिकार हुई 60 फीसदी महिलाएं

जिनेवा । कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन लगा दिया गया। इससे वायरस के प्रसार को रोकने में जहां मदद मिल रही है वहीं इसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं। इकॉनमी को यह प्रभावित तो कर रही रहा है साथ ही घरेलू हिंसा के मामले भी बढ़ गए हैं। बढ़ती घरेलू हिंसा को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी चिंतित है। यूरोप में 60 फीसदी महिलाएं हिंसा का शिकार हुई हैं। डब्ल्यूएचओ के यूरोप स्थित ऑफिस के चीफ ने कहा है कि हम कोरोना वायरस महामारी के बीच बेल्जियम, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, स्पेन सहित अन्य देशों में बढ़ती घरेलू हिंसा की खबरों को लेकर बहुत चिंतित है।
डॉ. हांस क्लूगे ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा यूरोप में देशों में 60 प्रतिशत महिलाओं के घरेलू हिंसा से प्रभावित होने की जानकारी आ रही है और हेल्पलाइन नंबरों पर आने वाली कॉल में 5 गुना बढ़ोतरी हुई है। डॉ क्लूगे ने चेतावनी दी कि अगर प्रतिबंधात्मक उपायों को जारी रखा गया तो हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं और बच्चों पर भयानक प्रभाव हो सकता है। क्लूगे ने संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के डेटा का उल्लेख करते हुए कहा यदि लॉकडाउन छह महीने जारी रहा है तो दुनिया में लैंगिक हिंसा के 3.1 करोड़ अतिरिक्त मामले आ सकते हैं।
और नया पुराने