चेहरा देखकर बांट रहे राहत सामग्री, गरीबी रेखा कार्ड बनवानें पर भी पार्षद पर भ्रष्टाचार का आरोप

भोपाल।
राजधानी भोपाल के गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 63 की महिला पार्षद दया कथूरिया पर वार्ड वासियों नें भेदभाव करने का आरोप लगाया है। इस संदर्भ में पुरानें शिवनगर क्षेत्र के रहवासियों का कहना है कि वार्ड की पार्षद द्वारा हमारी बस्ती को राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण राहत वितरण सामग्री प्रदाय करनें में भेदभाव किया जा रहा है ।
उल्लेखनीय है कि श्रीमती दया कथूरिया सत्ताधारी दल से पार्षद है और वार्ड क्रमांक 63 में लगभग 80 फीसदी लोग ऐसे हैं जो झुग्गी बस्तियों में रहते हैं। इस आरोप के संदर्भ में जब पार्षद से बात की गई तो उन्होनें इस आरोप को निराधार बताते हुये कहा कि  गोविंदपुरा विधानसभा की विधायक कृष्णा गौर जी के यहां से जो भी खानें के पैकेट आते हैं उन्हें हम गरीबों में बांट देते हैं, गरीबी रेखा के कार्ड बनवानें के प्रश्न पर कहा कि हम आधार कार्ड के आधार पर भी पांच किलो आटा और अन्य सामग्री जरुरतमंदों को अभी उपलब्ध करा रहे हैं ।
पुरानें शिवनगर को लेकर उनका कहना है कि हमनें वहां से सूची मंगाई थी जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उन्हें राहत सामग्री दी जा रही है, लेकिन जब सूची दिखानें की बात कही गई तो गोलमोल जबाव देकर उन्होंने इस बात से पल्ला झाड लिया, पार्षद नें कहा कि वार्ड की सूची से संबंधित कामों को संयोजक राकेश मेवाड़ा देख रहे हैं।
वहीं राकेश मेवाड़ा नें बताया कि सूची नगर निगम में है लेकिन सूची दे नहीं पाये, उन्होंने अपनें द्वारा किये गये कार्यों का ब्यौरा विस्तार से बताते हुये कहा कि लॉकडाउन लगते ही प्रतिदिन तीन सौ पैकेट लगातार उनके द्वारा बंटवाये जा रहे हैं । सोनागिरी की एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा खिचड़ी वितरण भी वार्ड में कराया गया है इसके साथ ही वार्ड सोनोटाइज करानें से लेकर कई कार्य किये है।
गरीबी रेखा कार्ड में घपला
झुग्गी बाहुल्य वार्ड क्रमांक 63 में वास्तविक गरीबों के कार्ड नहीं बननें और सक्षम लोगों के गरीबी रेखा के कार्ड बननें के कई मामले सामनें आये हैं। वार्ड के चांदबाड़ी क्षेत्र की झुग्गियों में कई अतिगरीब परिवारों के कार्ड नहीं बनें है जबकि उसी वार्ड में महिला पार्षद का भी निवास है।
आरोप तो यह भी है कि गरीबी रेखा का कार्ड बनवानें के लिये दलाल सक्रिय हैं और यह दलाल इन गरीब मजदूरों से तीन से पांच हजार रुपये वसूल कर कार्ड बनवा रहे हैं, इस भ्रष्टाचार का लाभ लेकर बहुत से सक्षम परिवार गरीबी रेखा की सूची में अपना नाम दर्ज करा लाभ उठा रहें हैं। इसबात पर पार्षद नें कहा कि गरीबी रेखा के कार्डों को लेकर एकबार फिर सर्वे करानें की मांग हम नें शासन से की है।
फिलहाल मामला कुछ भी हो वैश्विक महामारी के इस दौर में गरीब मजदूरों को समुचित राहत नहीं मिल पा रही है। हलांकि पार्षद और संयोजक का प्रयास जारी है।
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