नई दिल्लीः कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन जारी है, लेकिन इसके बाद भी कोरोना महामारी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. कोरोना के प्रकोप को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है और लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील कर रही है. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस (COVID 19) के मरीजों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किए जाने की पॉलिसी में बदलाव किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने 8 मई को ऐसे मरीज, जिनमें कोरोना के हल्के लक्षण हैं, उन्हें डिस्चार्ज किए जाने की संशोधित पॉलीसी जारी की है.
नई डिस्चार्ज पॉलिसी के मुताबिक, अगर किसी मरीज में कोरोना के हल्के लक्षण हैं या संदिग्ध मरीज में कोरोना के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं तो उसे 10 दिनों बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी. इसके साथ जारी हुए दिशा निर्देश में यह भी कहा गया है कि अगर किसी भी मरीज को डिस्चार्ज किया जाता है तो इससे पहले परीक्षण की जरूरत नहीं होगी, लेकिन इसके बाद भी उन्हें खुद को घर में आइसोलेट करके रखना अनिवार्य होगा, जिसकी अवधि 7 दिन होगी.
हालांकि, यह नियम गंभीर मरीजों के लिए नहीं हैं. इसलिए अगर कोरोना के गंभीर मरीज को अस्पताल से छुट्टी देना है या नहीं और अगर छुट्टी दी गई है तो उसे किन नियमों का पालन करना होगा इसका फैसला डॉक्टर ही लेंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय की नई पॉलिसी के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के हल्के लक्षण, जैसे- हल्का बुखार, सर्दी-खांसी है तो उन्हें कोविड केयर फैसिलिटी में रखा जाएगा, जहां 10 दिनों तक उनका नियमित तापमान और पल्स रेट चैक किया जाएगा.
इन मरीजों को अगर तीन दिन तक बुखार, सर्दी-खांसी नहीं आता है तो उन्हें 10 दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. वहीं इन्हें इसके बाद किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं होगी, लेकिन सुरक्षा दृष्टि से घर पर इन्हें खुद को 7 दिनों तक आईसोलेट करके रखना होगा. हालांकि, डिस्चार्ज से पहले अगर ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 फीसदी से कम पाया जाता है तो मरीजों को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर भेज दिया जाएगा.
नई डिस्चार्ज पॉलिसी के मुताबिक, अगर किसी मरीज में कोरोना के हल्के लक्षण हैं या संदिग्ध मरीज में कोरोना के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं तो उसे 10 दिनों बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी. इसके साथ जारी हुए दिशा निर्देश में यह भी कहा गया है कि अगर किसी भी मरीज को डिस्चार्ज किया जाता है तो इससे पहले परीक्षण की जरूरत नहीं होगी, लेकिन इसके बाद भी उन्हें खुद को घर में आइसोलेट करके रखना अनिवार्य होगा, जिसकी अवधि 7 दिन होगी.
हालांकि, यह नियम गंभीर मरीजों के लिए नहीं हैं. इसलिए अगर कोरोना के गंभीर मरीज को अस्पताल से छुट्टी देना है या नहीं और अगर छुट्टी दी गई है तो उसे किन नियमों का पालन करना होगा इसका फैसला डॉक्टर ही लेंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय की नई पॉलिसी के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के हल्के लक्षण, जैसे- हल्का बुखार, सर्दी-खांसी है तो उन्हें कोविड केयर फैसिलिटी में रखा जाएगा, जहां 10 दिनों तक उनका नियमित तापमान और पल्स रेट चैक किया जाएगा.
इन मरीजों को अगर तीन दिन तक बुखार, सर्दी-खांसी नहीं आता है तो उन्हें 10 दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. वहीं इन्हें इसके बाद किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं होगी, लेकिन सुरक्षा दृष्टि से घर पर इन्हें खुद को 7 दिनों तक आईसोलेट करके रखना होगा. हालांकि, डिस्चार्ज से पहले अगर ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 फीसदी से कम पाया जाता है तो मरीजों को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर भेज दिया जाएगा.