मध्य प्रदेश में बहुमत परीक्षण का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, भाजपा नेता शिवराज सिंह ने दायर की याचिका

नई दिल्ली 
: मध्य प्रदेश विधानसभा में बहुमत परीक्षण 26 मार्च तक टाले जाने का मामला सोमवार को उच्चतम न्यायालय पहुंच गया। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने याचिका दाखिल की है तथा यथाशीघ्र बहुमत परीक्षण के निर्देश देने का अनुरोध किया है। याचिका की सुनवाई मंगलवार को होगी।
शिवराज सिंह के वकील ने मामले को रजिस्ट्रार के समक्ष मेंशन कर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई, लेकिन रजिस्ट्रार ने कहा याचिका में कुछ खामियां है, अगर वह दूर कर लेते हैं तो मामले की सुनवाई कल की जा सकती है। 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद प्रदेश की कमलनाथ सरकार संकट में घिरी हुई है। भाजपा का कहना है कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई है जबकि सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी आरोप लगा रही है कि बीजेपी ने उनके विधायकों को बंधक बना रखा है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच कमलनाथ सरकार ने आज विधानसभा में फ्लोर टेस्ट नहीं होने दिया। राज्यपाल के निर्देश के बावजूद फ्लोर टेस्ट नहीं हो पाया और उनके अभिभाषण के तुरंत बाद विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में विधायकों से संविधान के मर्यादा के अनुरूप दायित्व निभाने की नसीहत दी थी, जिसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दस दिन तक स्थगित करने का फैसला लिया।
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