संभागायुक्त राजेश बहुगुणा ने शासकीय स्कूलों को स्वच्छ रखने में समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा है कि समाज का शासकीय स्कूलों के प्रति भरोसा पैदा हो इसके लिए शासकीय स्कूलों के शैक्षणिक स्तर में व्यापक सुधार लाना होगा ।
राजेश बहुगुणा आज शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय में शालेय स्वच्छता-समस्या एवं समाधान विषय पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे । कार्यशाला में कलेक्टर भरत यादव, अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, संयुक्त संचालक शिक्षा राजेश तिवारी, जिला शिक्षा अधिकारी सुशील नेमा, सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक मौजूद थे ।
संभागायुक्त ने कार्यशाला में शासकीय शालाओं के प्रति समाज की सोच बदलने के लिए शिक्षा के मानक स्तर तक पहुंचने की आवश्यकता बताई । उन्होंने कहा कि समाज तभी शासकीय शालाओं की दशा सुधारने में आगे आयेगा जब तक कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार परिलक्षित न हो । संभागायुक्त ने कहा कि एक समय था जब गुरूजी के कहने भर पर समाज स्कूलों की अतिरिक्त कक्षों की आवश्यकता तक को पूरा कर देता था । तब सरकारी स्कूलों को समाज की संपत्ति समझा जाता था लेकिन आज के समय में शासकीय स्कूलों के प्रति नजरिया बदल गया है और इसे केवल शासकीय संपत्ति माना जाना लगा है । श्री बहुगुणा ने कहा कि समाज और सरकारी स्कूलों के बीच बनी इस दूरी को कम करने के गंभीरता से प्रयास करने होंगे ।
राजेश बहुगुणा ने अपने संबोधन में शाला की स्वच्छता में योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित करने की बात कही । उन्होंने कहा कि यदि शिक्षक और स्कूली छात्र स्वयंसेवी रूप से अपनी संस्था की साफ-सफाई में योगदान देते हैं तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता । उन्होंने सफाई कर्मियों के प्रति सोच में बदलाव लाने की जरूरत भी बताई ।राजेश बहुगुणा ने शाला में नियुक्त सफाई कर्मियों को सम्मान देने तथा समय-समय पर उन्हें प्रोत्साहित करने की बात भी कही ।
संभागायुक्त ने कहा कि शिक्षकों को अपने आचार और व्यवहार से बड़ी कक्षाओं के छात्रों को भी ऐसे संस्कार देने होंगे ताकि उनमें भी शाला और घर की साफ-सफाई के प्रति जिम्मेदारी का अहसास हो ।
संभागायुक्त ने शाला को साफ-सुथरा रखने में स्वयंसेवी रूप से योगदान देने वाले शिक्षकों को और छात्रों को सम्मानित करने के निर्देश शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिये । उन्होंने कहा कि ऐसी शालायें जो विगत चार-पांच वर्षों से लगातार वार्षिक परीक्षाओं में शत-प्रतिशत परिणाम ला रही हैं उनके प्राचार्यों एवं प्रधानाध्यापकों को भी सम्मानित किया जाना चाहिए ।
कलेक्टर भरत यादव ने भी कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त किये । उन्होंने कहा कि बच्चों में स्वच्छता की आदत डालने के लिए शालाओं में स्वच्छता संबंधी आयोजन निरंतर किये जाने चाहिए । उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों में सहभागिता निभाने के लिए समाज में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता बताई । भरत यादव ने कहा कि शालाओं में स्वच्छता के परिदृश्य में काफी बदलाव आया है और स्वच्छता के प्रति बच्चों में जागरूकता भी आई है । उन्होंने कहा कि कार्यशाला में शालेय स्वच्छता को लेकर संभागायुक्त की अपेक्षाओं को पूरा करने जबलपुर जिले में सभी जरूरी कदम उठाये जायेंगे ।
कार्यशाला में शाला परिसरों की साफ-सफाई को स्वच्छ रखने में आ रही कठिनाईयों पर भी चर्चा की गई । कार्यशाला के समापन पर शाला की स्वच्छता में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्राथमिक शाला लखराम विकासखंड सिहोरा की प्रधानाध्यापक सुधा उपाध्याय, माध्यमिक शाला सहजपुर की प्रभारी प्राचार्य लक्ष्मी पोर्ते, हाई स्कूल कजरवारा की प्राचार्य सुनीता गुप्ता तथा बालक हायर सेकेण्डरी स्कूल के प्राचार्य अमर सिंह को संभागायुक्त राजेश बहुगुणा एवं कलेक्टर यादव ने सम्मानित किया ।