नई दिल्ली: बॉलीवुड के 40 से ज्यादा सेलेब्स ने बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी को देश में धर्म के नाम पर बढ़ रहे हिंसक अपराधों के बबात एक खुला खत लिखा था. इस लेटर के सामने आने के बाद से ही से मामला विवादित होता जा रहा है. सरकार ने जहां इस तरह के तथ्यों से इंकार करते हुए बयान जारी कर दिया है तो वहीं टीएमसी नेता बंगाली एक्ट्रेस नुसरत जहां ने अपना समर्थन सेलेब्स के साथ जताया है. बता दें कि बॉलीवुड से लेकर टॉलीवुड तक की कई बड़ी हस्तियों ने पीएम नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वो देश में राम के नाम पर हो रहे क्राइम को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं.
नुसरत जहां ने ट्विटर पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखते हुए कहा कि आज हम देश में बिजली, रोड और बाकी बातों पर जमकर चर्चा करते हैं लेकिन आज मैं बहुत खुश हूं कि देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते बॉलीवुड सेलेब्स ने ये कदम उठाया है जहां इंसान की जान बचाने की बात की जा रही है.
इसी पोस्ट में नुसरत ने फेमस राइटर इकबाल अल्लामा इकबाल कि कविता की पंक्तियां लिखी कि सिर्फ इंसानियत के नाते- गाय के नाम पे, भगवान के नाम पे, किसी की दाढ़ी पे तो किसी की टोपी पे ये खून खराबा बंद करें क्योंकि मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना, हिंदी हैं हम वतन हैं, ये हिदोस्तां हमारा.
बता दें कि चिट्ठी लिखते हुए सेलेब्स ने पीएम नरेंद्र से कहा कि सिर्फ पार्लियामेंट में मॉब लिंचिंग की निंदा करने से काम नहीं चलेगा. इसके खिलाफ क्या एक्शन लिया जा रहा है? वो बताइए. सेलेब्स ने कहा कि हमें लगता है कि ऐसे किसी भी क्राइम की बेल नहीं होनी चाहिए और ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए. ऐसी हत्या करने वालों को बना पैरोल के आजीवन करावास की सजा सुनाई जानी चाहिए.
इसी पोस्ट में नुसरत ने फेमस राइटर इकबाल अल्लामा इकबाल कि कविता की पंक्तियां लिखी कि सिर्फ इंसानियत के नाते- गाय के नाम पे, भगवान के नाम पे, किसी की दाढ़ी पे तो किसी की टोपी पे ये खून खराबा बंद करें क्योंकि मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना, हिंदी हैं हम वतन हैं, ये हिदोस्तां हमारा.
बता दें कि चिट्ठी लिखते हुए सेलेब्स ने पीएम नरेंद्र से कहा कि सिर्फ पार्लियामेंट में मॉब लिंचिंग की निंदा करने से काम नहीं चलेगा. इसके खिलाफ क्या एक्शन लिया जा रहा है? वो बताइए. सेलेब्स ने कहा कि हमें लगता है कि ऐसे किसी भी क्राइम की बेल नहीं होनी चाहिए और ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए. ऐसी हत्या करने वालों को बना पैरोल के आजीवन करावास की सजा सुनाई जानी चाहिए.