कृषि विज्ञान केन्द्र की किसान भाईयों को अल्पवर्षा की वर्तमान स्थिति में सलाह

ल्पवर्षा तथा सूखे की निर्मित हो रही स्थिति में किसान भाईयों को खेती-किसानी की दृष्टि से कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा समसामयिक सलाह दी गई है।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ एके सिंह ने इस संबंध में बताया कि जिन किसान भाईयों ने अभी तक बोनी नहीं की है, वे कम पानी वाली फसलें यथा अरहर, उड़द, मूंग व तिल की बोनी करें तथा देर से बोनी की दशा में बीजदर 25 प्रतिशत बढ़ाकर बोनी करें। बोनी हेतु उड़द की उन्नत किस्में यथा आईपीयू 94-1, पंत उड़द 30, पंत उड़द 31, आईपीयू 2-43, प्रताप उड़द 1, मूंग की उन्नत किस्में पूसा विशाल, पीडीएम 139, आईपीएम 2-3, एमएच 421, अरहर की उन्नत मध्यम अवधि की किस्में टीजेटी 501, पीकेवी तारा, पूसा 992, तिल की उन्नत प्रजातियां यथा जेटीएस 8, टीकेजी 22, टीकेजी 55 आदि किस्मों का प्रयोग करें।
बोनी से पूर्व बीज को मिश्रित फफूंदनाशी और कार्बेन्डाजिम और मेंकोजेब की 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज व जैव उर्वरकों (राइजोबियम व पीएसबी) की 5 ग्राम मात्रा प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करें। किसान भाई उक्त फसलों की बोनी मेंढ़ नाली विधि से करें, ताकि नमी अधिक समय तक संरक्षित रहे। किसान भाई बोनी करते समय जैव उर्वरकों (पीएसबी माइकोराइजा, सूडोमोनास, पोटास विलयक जीवाणु, जैव अपशिष्ट अपघटक) का प्रयोग आधार रूप में करें। जिन किसान भाईयों की बोनी हो चुकी है वे नमी संरक्षण हेतु खेत में बखर चलाएं तथा आवश्यकतानुसार जीवन रक्षक सिंचाई करें। समय से नींदा नियंत्रण हेतु निंदाई-गुड़ाई करें तथा खरपतवारों को कतारों के मध्य रखें ताकि नमी संरक्षण हो।

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