कलेक्टर भरत यादव ने स्कूल शिक्षा विभाग तथा आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जिले में संचालित स्कूलों में शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाने पर जोर देते हुए इन संस्थाओं में अध्ययनरत बच्चों को पाठ्य पुस्तकों, गणवेश एवं साइकिलों का वितरण तय समय-सीमा में करने के निर्देश दिये हैं ।
भरत यादव आज मानस भवन में शिक्षा विभाग एवं आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित शाला प्रमुखों तथा छात्रावास एवं आश्रम के अधीक्षकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे । बैठक में जिला पंचायत के सीईओ प्रियंक मिश्र, अपर कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना, जिला शिक्षा अधिकारी सुनील नेमा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास पूजा द्विवेदी एवं जिला परियोजना समन्वयक आर.पी. चतुर्वेदी मौजूद थे ।
कलेक्टर ने बैठक में शाला प्राचार्यों, प्रधानाध्यापकों तथा छात्रावास एवं आश्रम अधीक्षकों को विद्यार्थियों की दक्षता बढ़ाने की दिशा में व्यक्तिगत पहल करने का आग्रह किया । उन्होंने कहा कि शिक्षकों को न केवल बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी होगी बल्कि उनके परफार्मेंस की नियमित रूप से मॉनीटरिंग भी करनी होगी ।
कलेक्टर ने शासकीय शालाओं के प्रति समाज की सोच बदलने की जिम्मेदारी संभालने का अनुरोध भी संस्था प्रमुखों से किया । भरत यादव ने कहा कि जो शाला प्रमुख या शिक्षक लीक से हटकर अपनी संस्था में व्यक्तिगत तौर पर या समाज को भागीदार बनाकर बेहतर शैक्षणिक सुविधायें जुटाने के प्रयास करेंगे उन्हें सम्मानित भी किया जायेगा । उन्होंने शाला परिसर में स्वच्छता के प्रति ज्यादा ध्यान दिये जाने की जरूरत भी बताई ।
कलेक्टर ने बैठक में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवासीय शालाओं, छात्रावास एवं आश्रमों के बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में शिक्षा के आधुनिक तौर तरीकों को अपनाने पर जोर दिया । उन्होंने छात्रावास एवं आश्रमों में बिजली, पानी एवं शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं पर ज्यादा ध्यान देने के निर्देश भी दिये । श्री यादव ने सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त करने की जरूरत पर बल देते हुए छात्रावास एवं आश्रमों में वाटर फिल्टर, टेलीविजन और कम्प्यूटर, इंटरनेट जैसी सुविधायें जुटाने की बात भी कही । उन्होंने आश्रम, छात्रावास एवं शाला परिसरों में वर्षाकाल के दौरा पौधारोपण के कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश भी दिये । कलेक्टर ने सरकारी स्कूलों के कक्षा ग्यारहवीं एवं बारहवीं के छात्र-छात्राओं के लिए संकुल स्तर पर कैरियर काउंसिल कार्यक्रमों का आयोजन करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये ।
भरत यादव आज मानस भवन में शिक्षा विभाग एवं आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित शाला प्रमुखों तथा छात्रावास एवं आश्रम के अधीक्षकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे । बैठक में जिला पंचायत के सीईओ प्रियंक मिश्र, अपर कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना, जिला शिक्षा अधिकारी सुनील नेमा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास पूजा द्विवेदी एवं जिला परियोजना समन्वयक आर.पी. चतुर्वेदी मौजूद थे ।
कलेक्टर ने बैठक में शाला प्राचार्यों, प्रधानाध्यापकों तथा छात्रावास एवं आश्रम अधीक्षकों को विद्यार्थियों की दक्षता बढ़ाने की दिशा में व्यक्तिगत पहल करने का आग्रह किया । उन्होंने कहा कि शिक्षकों को न केवल बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी होगी बल्कि उनके परफार्मेंस की नियमित रूप से मॉनीटरिंग भी करनी होगी ।
कलेक्टर ने शासकीय शालाओं के प्रति समाज की सोच बदलने की जिम्मेदारी संभालने का अनुरोध भी संस्था प्रमुखों से किया । भरत यादव ने कहा कि जो शाला प्रमुख या शिक्षक लीक से हटकर अपनी संस्था में व्यक्तिगत तौर पर या समाज को भागीदार बनाकर बेहतर शैक्षणिक सुविधायें जुटाने के प्रयास करेंगे उन्हें सम्मानित भी किया जायेगा । उन्होंने शाला परिसर में स्वच्छता के प्रति ज्यादा ध्यान दिये जाने की जरूरत भी बताई ।
कलेक्टर ने बैठक में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवासीय शालाओं, छात्रावास एवं आश्रमों के बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में शिक्षा के आधुनिक तौर तरीकों को अपनाने पर जोर दिया । उन्होंने छात्रावास एवं आश्रमों में बिजली, पानी एवं शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं पर ज्यादा ध्यान देने के निर्देश भी दिये । श्री यादव ने सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त करने की जरूरत पर बल देते हुए छात्रावास एवं आश्रमों में वाटर फिल्टर, टेलीविजन और कम्प्यूटर, इंटरनेट जैसी सुविधायें जुटाने की बात भी कही । उन्होंने आश्रम, छात्रावास एवं शाला परिसरों में वर्षाकाल के दौरा पौधारोपण के कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश भी दिये । कलेक्टर ने सरकारी स्कूलों के कक्षा ग्यारहवीं एवं बारहवीं के छात्र-छात्राओं के लिए संकुल स्तर पर कैरियर काउंसिल कार्यक्रमों का आयोजन करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये ।