नाथ के खून पर उबाल, सदन में हंगामा, खून के बदले सिर काटने की बात

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के खून को बहाने की धमकी देने वाले भाजपा पूर्व विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह मम्मा को शुक्रवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने सुरंेद्र नाथ पर 4 अलग-अलग मामले दर्ज किये हैं। इसके बाद उन्हें पुलिस उन्हें सीधे भोपाल कोर्ट लेकर पहुंचीं। सुनवाई के दौरान शाम पांच बजे विशेष जज सुरेश सिंह ने उन्हें 30-30 हजार के मुचलके पर चारों केसों में जमानत दे दी। 
गौरतलब है कि गुरुवार को सुरेंद्र सिंह ने विधानसभा घेराव करने की कोशिश की। इस दौरान एक सभा में मुख्यमंत्री कमल नाथ के लिए अपशब्द कहते हुए प्रशासन को खुली धमकी दे डाली। गुमठी व्यवसायियों से नारे लगवाते हुए सुरेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो सड़कों पर खून बहेगा। फिर बोले- और यह खून कमलनाथ का होगा। वहीं, सुरेंद्र नाथ सिंह का एक ऑडियो वायरल हुआ जिसमें में वो नगर निगम के स्वास्थ अधिकारी कमर साकिब को फोन पर धमकाते हुए कह रहे हैं कि यदि अब अतिक्रमण हटाया तो वे नगर निगम की गाडिय़ों में आग लगा देंगे और कर्मचारियों को नग्न कर पीटेंगे।
इससे पहले दिनभर राजनीतिक सरगर्मियां तेज रहीं। विधानसभा में भी सत्ता पक्ष कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा किया और सुरेंद्र नाथ सिंह की गिरफ्तारी की मांग की थी। मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा भाजपा के पूर्व विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह की धमकी, प्रदेश में खून खराबा होगा। इसके विरोध में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कार्यवाही को बाधित करते हुए, चर्चा कराने और कार्यवाही की मांग की। अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति द्वारा सदस्यों को अपनी सीट पर वापस जाने का अनुरोध किया गया। सदस्य नारेबाजी करते रहे, और गर्भ गृह में समाचार पत्र की प्रतियां दिखाते हुए नारे लगाते रहे, भाजपा की गुंडागर्दी नहीं चलेगी। अध्यक्ष ने 10 मिनट के सदन की कार्यवाही स्थगित की। उसके बाद दुबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई। लेकिन सत्तापक्ष के विधायकों के रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया, और नारेबाजी गर्भ गृह में आकर करते रहे।जिसके कारण दूसरी बार सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित की गई।उल्लेखनीय है पूर्व विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह ने कल भोपाल में प्रदर्शन के दौरान खुलेआम खून खराबे की धमकी दी थी। जिस पर सत्ता पक्ष के विधायक विरोध करते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
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सत्ता पक्ष ही गर्भगृह तक पहुंचा
संभवत: सदन में यह पहला मौका है जब सत्तापक्ष के विधायकों ने गर्भगृह में आकर नारेबाजी की हो। पूर्व संसदीय कार्यमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जब सत्तापक्ष हल्ला करेगा और गर्भगृह में आएगा तो फिर विपक्ष क्या करेगा।
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निर्णय संगठन करेगा: नेता प्रतिपक्ष 
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि जो भी बात सामने आई है वो सदन में नहीं हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल की बैठक में दृढ़ता के साथ सांसद और विधायकों के लिए कहा कि सभी को श्रेष्ठ संसदीय जीवन निवर्हन करना है। मध्यप्रदेश में जो घटनाएं घटी, उन पर भी जो प्रधानमंत्री का मत रहा वो सबके सामने है। हमारी पार्टी ऐसे विचार या भाषण से सहमत नहीं है और पार्टी कार्रवाई को लेकर निर्णय करेगी।
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कांग्रेस नेता भी पीछे नहीं रहे : वो खून बहाएंगे तो हम गर्दन काट देंगे
सुरेंद्र नाथ सिंह पर मीडिया से चर्चा में कांग्रेस विधायक गिरिराज दंडोतिया भी विवादित बयान की जमात में शामिल हो गए। दंडोतिया ने कहा कि बीजेपी के नेता यदि खून बहाएंगे तो हम गर्दन काट कर ले आएंगे। वहीं, पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि मुझे खुशी है प्रदेश अध्यक्ष ने संज्ञान लेते हुए कहा अभद्र भाषा कितने बड़े कद नेता है हम सहन नहीं करेगे। ऐसे व्यक्तियों को पार्टी से बाहर निकलना चाहिए। एसपी ओर आईजी को भी संज्ञान लेना चाहिए। मुख्यमंत्री का खून बहा देंगे इसके पूछे धमकी छुपी हुई है। वहीं, वित्त मंत्री तरुण भनोट ने कहा कि भाजपा नेताओं के पिछले 6 महीने से लगातार बयानबाजी सत्ता जाने का दुख और पीड़ा है। यह भूल नहीं पा रहे है कि प्रदेश की जनता ने इनके कृत्यों के कारण 15 साल बाद सत्ता से बाहर कर दिया, यह वह पीड़ा है जो बार बार बाहर आ रही है। इस तरह की बातें लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। अगर सरकार से मदद चाहिए और जनता से जुड़ी कोई ऐसी समस्या है किसका हक दिया जाना चाहिए, बैठ कर बात करिए इसका हल निकाला जाएगा।खून बहा देना आग लगा देना यह गांधी जी की नही गोडसे की संस्कृति है। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि यह बीजेपी की विचार धारा है, जिसे कार्यकर्ता और नेता धीरे धीरे देश और  जनता के सामने ला रहे है।सुरेंद्र नाथ की भाषा असयमित औऱ लोगो को उद्यमिता करने वाली है। बीजेपी में थोड़ा मर्म बचा पार्टी  से बाहर कर देना चाहिए। मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा कि सत्ता से बाहर हो गए तो यह लोग सठिया गए है। निम्न और घिनौनी हरकते कर रहे हैं ।जिंदा रहने के लिए इस तरह के निम्न स्तर के बयान दे रहे हैं। पहले हम से निपटने फिर करें कमलनाथ की बात करे। स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि  यह भाजपा के चरित्र और संस्कृति की दुहाई देने वाला भाजपा का सही चेहरा जनता के सामने आ गया है। जो प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए खून बहाने की बात कह सकते है इसकी जितनी निंदा की जाए वो कम है।मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूंं कि भाजपा की इस प्रकार का चरित्र और संस्कृति पर किस प्रकार अंकुश लगाएंगे।
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ध्यान आकर्षण सूचना के मामले....
आत्महत्या के दोषियों पर कार्रवाई करेगी सरकार
- विधानसभा में ध्यानाकर्षण सूचना:  नेता प्रतिपक्ष ने उठाया किसान आत्महत्या का मामला
मध्यप्रदेश विधानसभा के की कार्यवाही के दौरान शुक्रवार को ध्यानाकर्षण सूचना के दौरान किसान आत्महत्या का मामला उठा। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव एवं विधायक विश्वास सारंग ने ध्यानाकर्षण सूचना के तहत सागर जिले के ग्राम परासिया निवासी किसान की आत्महत्या का मामला उठाया। सूचना पर जवाब देते हुए गृह मंत्री बाला बच्चन ने अपने वक्तव्य में कहा कि वो मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करवाएंगे। जवाब से असंतुष्ट विपक्ष लगातार आत्महत्या के लिए दोषी व्यक्तियों की गिरफ्तारी की मांग करते रहे। मामले की गंभीरता को देखते हुए अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने व्यवस्था देते हुए कहा कि वीडियो की प्रमाणिकता जांचने के लिए जो सेल हो उसके अध्यक्ष के साथ ही गृह मंत्री और नेता प्रतिपक्ष बैठ जाएं और त्वरित कार्रवाई करें। 
इससे पहले आत्महत्या मामले को उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सदन का ध्यान इस बात की ओर आकृष्ट किया कि आत्महत्या करने वाले किसान नारायण के परिवार में 32 लोग हैं, जिनके पास मात्र 8 एकड़ कृषि जमीन थी, इसमें से दो एकड़ कृषि भूमि को षडयंत्रपूर्वक गढ़ाकोटा निवासी शिक्षक दिनेश साहू, भतीजे हेमंत साहू तथा भाई कमलेश साहू, मालती कुर्मी एवं कल्लू कुर्मी ने अपने नाम करा ली। इसके खिलाफ मृतक किसान ने पुलिस में शिकायत की। यही नहीं बल्कि मृतक किसान ने वरिष्ठ पुलिस एवं राजस्व अधिकारियों से भी इस हेतु फरियाद लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अंतत: किसान ने वीडियो रिकार्डिंग और सोसाइड नोट लिख आत्महत्या कर ली। इस पर अध्यक्ष ने व्यवस्था देते हुए वीडियो की सत्यता जानने सेल के अध्यक्ष के साथ मंत्री और नेता प्रतिपक्ष को बैठने के लिए कहा। इस पर मंत्री बाला बच्चन ने सदन को आश्वस्त किया कि दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी होगी और पीडि़त किसान परिवार को हर संभव मदद भी दी जाएगी।
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पॉली हाउस अनियमितता की जांच कराएगी सरकार
ध्यानाकर्षण सूचना के दौरान कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी ने पॉली हाउस निर्माण में अनियमितता का मामला सदन में उठाया। झूमा ने कहा कि स्वीकृत संख्या के अनुसार पॉली हाउस का निर्माण नहीं किया गया और जिनका निर्माण किया भी गया है वो निर्धारित मापदण्डों के अनुसार नहीं है। विभाग ने कागजों पर निर्माण दिखाकर बैंक से संपूर्ण राशि का आहरण भी कर लिया है। इस पर वक्तव्य देते हुए उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ने कहा कि खरगोन जिले में वर्ष 2008 से 2019 आज तक कुल 35 पॉली हाउस निर्माण की स्वीकृति विभाग द्वारा दी गई है। उक्त सभी पॉली हाउस के भौतिक सत्यापन में 16 पॉली हाउस उपयोगी हैं, जबकि शेष 19 पॉली हाउस पुराने हो जाने के कारण अनुपयोगि/क्षतिग्रस्त स्थिति में हैं। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट सदस्य ने सदन को बतलाया कि जहां पॉली हाउस कागजों में दिखलाए गए हैं वहां कुछ नहीं है। इस पर अध्यक्ष की मंशानुरुप उद्यानिकी मंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि मामले की जांच कराई जाएगी। 
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क्या कोर्ट ने मूलभूत सुविधाओं को रोकने का आदेश दिया
मध्य प्रदेश विधानसभा में उस समय विपक्ष खुश नजर आया जबकि अध्यक्ष ने व्यवस्था देते हुए वन मंत्री से यह सवाल कर दिया कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने मूलभूत सुविधाओं को रोके जाने का आदेश दिया है। मामला पन्ना-छतरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित बफरजोन क्षेत्र के रहवासियों और वहां से गुजरने वाले लोगों से जुड़ा हुआ है। इस मामले में समिति गठित कर जांच करने के भी आदेश दे दिए गए। पन्ना-छतरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर वन विभाग द्वारा बैरियर लगाए जाने और अवैध वसूली किए जाने का मामला आज शुक्रवार को विधानसभा में विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने अपनी ध्यानाकर्षण सूचना के तहत उठाया। उन्होंने इसका स्वयं को भुग्तभोगी बतलाते हुए कहा कि स्थानीय रहवासियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। इस पर वन मंत्री उमंग सिंघार ने अपने वक्तव्य में कहा कि पन्ना-छतरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित मड़ला से अजयगढ़ मार्ग वाया हरसा, बगौंहा गंगऊ टाइगर हैबीटॉट के अंदर से गुजरता है। उक्त मार्ग पर वन एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा, अवैध रेत परिवहन, अवैध शिकार, वनों की कटाई इत्यादि के लिए अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण दो बैरियर स्थापित किए गए हैं। बफरजोन क्षेत्र के अंदर निवासरत एवं इस क्षेत्र से गुजरने वाले लोगों से अवैध वसूली करने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। इस पर विधायक ने कहा कि शाम 8 बजे के बाद इस मार्ग को रोक दिया जाता है, जिससे मरीज की हालत गंभीर होने के बाद भी सुबह तक का इंतजार करना होता है, इसी प्रकार शादी-विवाह रात में होती हैं और मार्ग बंद होने के कारण अनेक लोगों की शादी होने से रह गई है। संबंध टूटे हैं। इस पर मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया जिस पर अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने जानना चाहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने रहवासियों की मूलभूत सुविधाओं को रोके जाने का आदेश दिया है? अध्यक्ष ने व्यवस्था देते हुए कहा कि इस संबंध में विधि विभाग से स्पष्ट कर लें। 

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