रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय: कुलगुरु की अनियमितताओं और महिला अधिकारी के प्रति अशोभनीय आचरण पर एनएसयूआई का उग्र विरोध

जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (आरडीवीवी) एक बार फिर विवादों के केंद्र में है। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा पर महिला अधिकारी के साथ अशोभनीय आचरण और शैक्षणिक अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं। इन्हीं मुद्दों को लेकर एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय सचिव देवकी पटेल और अनुराग शुक्ला के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन किया।



प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन की निष्क्रियता के प्रतीक स्वरूप "बेशर्म के पौधे" लगाए। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कुलगुरु की गाड़ी पर बेशर्म के पौधे रखकर अपना आक्रोश जताया। देवकी पटेल ने कुलगुरु की नियुक्ति को नियमों के विरुद्ध बताते हुए इसे विश्वविद्यालय के इतिहास में "काला धब्बा" करार दिया।

गंभीर आरोप और एनएसयूआई की मांगें

कुलगुरु पर लगे आरोपों में महिला सहायक कुलसचिव के साथ दुर्व्यवहार और अभद्र आचरण, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के मानकों की अनदेखी कर नियुक्ति, तथा प्रशासनिक और शैक्षणिक स्तर पर गंभीर अनियमितताएं शामिल हैं।

महिला अधिकारी के प्रति अशोभनीय आचरण

एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि कुलगुरु ने महिला सहायक कुलसचिव के साथ अभद्र व्यवहार किया, जिससे कार्यस्थल की गरिमा और महिला सम्मान पर आघात पहुंचा। राज्य महिला आयोग ने इस मामले की जांच के लिए जिला कलेक्टर को पत्र भी भेजा है।

शैक्षणिक अनियमितताएं

कुलगुरु के कार्यकाल के दौरान परीक्षा परिणामों में त्रुटियां, पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में देरी और उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में लापरवाही जैसे गंभीर मुद्दे सामने आए हैं। छात्रों का कहना है कि कुलगुरु उनकी समस्याओं को सुनने के लिए उपलब्ध नहीं रहते, जिससे उनके भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

प्रदर्शन और रणनीति

एनएसयूआई ने प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू करने और कुलगुरु को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। देवकी पटेल ने कहा, "कुलगुरु की मौजूदगी जांच को प्रभावित कर सकती है। निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उनका पद पर बने रहना अनुचित है।"

अनुराग शुक्ला ने कहा, "रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जो कभी शिक्षा का केंद्र था, आज अपने नेतृत्व की अक्षमता और अनैतिक आचरण के कारण शर्मसार हो रहा है। महिला अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार के आरोप न केवल नैतिकता बल्कि समाज की नींव पर भी चोट हैं।"

एनएसयूआई की मांगें

  1. कुलगुरु की तत्काल बर्खास्तगी: महिला अधिकारी के आरोपों और अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच के लिए यह कदम जरूरी है।
  2. निष्पक्ष जांच: कुलगुरु की नियुक्ति और कार्यकाल से जुड़े हर पहलू की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो।
  3. योग्य नेतृत्व की नियुक्ति: छात्रों और कर्मचारियों के हित में एक योग्य, नैतिक और अनुभवी कुलगुरु की नियुक्ति हो।

कार्यक्रम में उपस्थित कार्यकर्ता

इस विरोध प्रदर्शन में एनएसयूआई के अदनान अंसारी, प्रतीक गौतम, एजाज अंसारी, राहुल यादव, सक्षम यादव, शफी खान, अंकित कोरी, हर्ष ठाकुर, यस ठाकुर, युग ठाकुर, एश्वर्य नाहर, पुष्पराज राजपुर, आर्यन चौधरी, आदर्श तोमर, आयुष सिंह और साहिल सहित कई प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित थे।

अंतिम चेतावनी

एनएसयूआई ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया तो उनका आंदोलन और उग्र रूप लेगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को निष्पक्षता और नैतिकता के साथ छात्रों और कर्मचारियों के हितों की रक्षा करनी चाहिए।


इस पूरे घटनाक्रम ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में प्रशासनिक पारदर्शिता और नैतिकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन और राज्य सरकार इन मांगों पर क्या कदम उठाते हैं।

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