सुप्रीम कोर्ट अगले सप्ताह से अपने 15 कोर्ट में से दो या तीन कोर्ट में फिजिकल हियरिंग यानी सुनवाई शुरू कर सकता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा गठित सात न्यायाधीशों की एक समिति ने मंगलवार को एक बैठक बुलाई और इसमें कई मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें फिजिकल कोर्ट शुरू हो सकती हैं या नहीं पर भी चर्चा की गई। यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड्स एसोसिएशन ने दी।
कोरोना वायरस संकट को लेकर लॉकडाउन की वजह से करीब पांच महीने से कोर्ट में फिजिकल सुनवाई बंद है। सात जजों की समिति ने कोर्ट सु्प्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड्स एसोसिएशन के नेताओं से मंगलवार को कहा कि कम से कम तीन कोर्ट में ट्रायल बेसिस पर फिजिकल हियरिंग शुरू की जा सकती है।
बार एसोसिएशन के सदस्य अगले सप्ताह से फिजिकल कोर्ट शुरू करने को लेकर काफी उत्सुक हैं मगर इस मामले पर अभी अंतिम फैसले का इंतजार है। उम्मीद की जा रही है कि 7 जजों की समिति एक-दो दिनों में भारत के चीफ जस्टिस को अपनी सिफारिश रिपोर्ट सौंपेंगे, उसके बाद ही आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे और तय हो जाएगा कि फिजिकल हियरिंग कब से होगी।
सात जजों की समिति और बार एसोसिएशन के नेताओं के बीच मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग हुई। वकीलों का प्रतिनिधित्व SCBA के अध्यक्ष दुष्यंत दवे और SCAORA के अध्यक्ष शिवाजी जाधव ने किया। बुधवार को जारी बयान के मुताबिक, SCBA अध्यक्ष दवे ने कहा कि मीटिंग में हमने सुझाव दिया है कि आभासी अदालतों की सुनवाई जारी रखते हुए केवल चार या पांच कोर्ट को फिजिकली फिर से शुरू कर सकते हैं।
हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए SCAORA के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता शिवाजी जाधव ने कहा कि न्यायमूर्ति एनवी रमना की अध्यक्षता वाली समिति अगले सप्ताह से कम से कम दो-तीन फिजिकल कोर्ट को शुरू करने पर गंभीरता से विचार कर रही है और इस बीच रजिस्ट्री को कोर्ट को फिजिकली शुरू करने को लेकर आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री से कहा गया है कि जज और वकीलों के बीच कांच लगाया जाए और कोर्ट रूम के एंट्री प्वाइंट को सैनिटाइज किया जाए।
बता दें कि 25 मार्च के बाद से ही कोर्ट में फिजिकल सुनवाई बंद है और बस सीमित मामलों की ही सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है।